आइए जानते हैं घरेलू मसालों के औषधीय गुण?
वर्तमान में व्यक्ति की भाग दौड़ भरी जिंदगी होने के कारण उसके पास पर्याप्त समय की कमी हो गई है जिससे सबसे ज्यादा प्रभाव उसके खान पान पर पड़ता है।आहार विहार सही ना होने के कारण लोग अनेक प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं।अतः वह सामान्य तकलीफों के लिए भी अंग्रेजी दवाइयों का सेवन करने लगते है, जो की हमारे शरीर के लिए नुकसान दायक होती हैं तथा अन्य बीमारियों को भी बढ़ावा देती है।
- क्या आपको पता है कि कई सारी बीमारियों का इलाज हमारे रसोई घर में उपलब्ध है जिसका हमें उचित ज्ञान होना चाहिए?
- आपके उसी ज्ञान को बढाने के लिए हमने इस लेख में कुछ घरेलू मसालों के औषधिय गुणों का बखान किया है।
- कहा भी गया है कि यद्यपि भोजन को दवा बना लीजिये अन्यथा दवा को भोजन बना लीजिये। तो क्यों न हम भोजन को दवा के समान प्रयोग करें।
आईये जाने विभिन्न औषधियों के कुछ गुणों के बारे में
1. हल्दी के गुण
हल्दी हमारे शरीर के लिए बहुत ही गुणकारी औषधि है साथ ही ये रसोई में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला मसाला भी है। हल्दी में एंटीइंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) गुण होते हैं जो कि हमारी रोग प्रतिरोधक प्रणाली को बेहतर बनाने में सहायता करती है। हल्दी बहुत सारे रोगों में काम आती है। हल्दी लिवर को डिटॉक्सीफाई (detoxify) कर इसके विकारों को दूर करती है तथा मधुमेह जैसे विकारों में भी लाभकारी है। हल्दी में पाया जाने वाला तत्व करक्यूमिन कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोक कर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से भी बचाता है अतः हल्दी में एंटीकैंसर (Anti-cancer) गुण भी पाए जाते हैं। हल्दी हमारे शरीर का वजन कम करने में सहायता करती है, तथा हमारे हृदय के रोगों में भी गुणकारी है। हल्दी शरीर के तापमान को भी नियंत्रित रखता है, जिससे मेटाबॉलिज्म (metabolism) में सुधार होता है। हल्दी एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक है जिस कारण यह घावों को जल्दी भरने में मददगार है।
2. धनिया के गुण
धनिया का उपयोग भारत में काफी मात्रा में किया जाता है अतः अनेक औषधीय गुणों से युक्त यह जड़ी बूटी हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। अधिकतर हरी धनिया का उपयोग सर्दी के दिनों में किया जाता है। अंग्रेजी में इसे कोरिएंडर (coriander) कहते हैं। भोजन का स्वाद बढ़ाने के साथ साथ ये अनेक रोगों से भी व्यक्ति का बचाव करता है। हमारी छोटी-छोटी बीमारियों को ठीक करने में धनिया कारगर है जैसे कि यह ठण्ड से होने वाली सूजन को दूर करता है, पाचनतंत्र में सुधार लाता है, अग्नाशय की कार्य प्रक्रिया में मदद करता है तथा इन्सुलिन स्तर को उचित रखता है। धनिया हमारे पेट के विकारों एवम् दस्त में भी राहत दिलाता है। धनिया का उपयोग पेट को ठंडक देने के लिए भी किया जाता है। धनिया में फाइबर, कैल्शियम, विटामिन सी,आयरन और बहुत सारे गुणकारी तत्व पाए गए हैं। त्वचा संबंधी विकारों के लिए धनिया एक गुणकारी घरेलू औषध है।पित्त शामक होने के कारण पित्तज रोगों जैसे कि एसिडिटी (acidity), अम्लपित्त, आदि में धनिया प्रशस्त औषधि है।
3. काली मिर्च के गुण
काली मिर्च घरेलु मसाला होने के साथ -साथ गुणकारी भी है। शरीर की कई बीमारियों को ठीक करने में सहायक काली मिर्च हमारे स्वास्थ्य के लिए एक उत्तम औषधि है। काली मिर्च हमारे बालों पर भी अपना गुणकारी असर दिखाती है। अपने एंटी बैक्टेरियल (anti bacterial) गुण के कारण यह सर्दी, खांसी-जुखाम से राहत दिलाती है , प्रत्येक संक्रमण से शरीर को बचाती है तथा पाचनतंत्र को भी दुरुस्त करती हैं। काली मिर्च मेटाबॉलिज़म को दुरुस्त कर वजन कम करने में भी काफ़ी मददगार है।
4. लहसुन के गुण
सभी जानते है कि लहसुन हमारे शरीर के लिए औषधीय गुणों से भरपूर है। लहसुन एंटी बैक्टिरियल, एंटीवायरल एंटी ऑक्सीडेंट जैसे गुणों से भरपूर है तथा लहसुन को तेज गंध और बेमिसाल स्वाद की वजह से दुनिया भर में रसोई में इस्तेमाल किया जाता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने के लिए यह एक लाभप्रद औषध है। लहसुन का प्रयोग मोटापा, हृदय रोग, सर्दी जुखाम, किडनी आदि रोगों में उपकारी है। दांतों तथा कान के विकारों में भी लहसुन का पेस्ट एवम् तेल लाभकारी है।
5. जीरे के गुण
उत्तम मसाला होने के साथ-साथ जीरा औषधीय गुणों से भी भरपूर है। अनेक प्रकार के रोगों में इसका प्रयोग फलदायक है। पाचन को दुरुस्त बनाने के लिए जीरा फायदेमंद साबित होता है। प्रतिदिन सुबह खाली पेट ज़ीरे का पानी पीने से व्यक्ति को मोटापा कम करने में सहायता मिलती है। जीरे के सेवन से मधुमेह जैसी गंभीर समस्या से भी निजात पाई जा सकती है। जीरे का पानी पीने से त्वचा संबंधी विकारों से भी राहत मिलती है। आयरन का प्रचुर स्त्रोत होने के कारण यह खून की कमी को दूर करता है।
6. अजवायन के गुण
अनुचित आहार और व्यवस्थित जीवन शैली के ना होने से व्यक्ति कई सारी बीमारियों से घिरा रहता है। अतः हमें हमारे आस पास उपस्थित जड़ी बूटियों का ज्ञान अर्जित कर घरेलू नुस्खों से उनकी रोकथाम करनी चाहिए। हमारे घरों में पाई जाने वाली अजवायन एक अत्यंत प्रशस्त घटक है। पेट संबंधी प्रत्येक विकार के लिए यह एक रामबाण औषध है। मासिक धर्म के समय अजवायन का पानी रक्त की अनियमितता के साथ-साथ दर्द से भी राहत दिलाता है। प्रसव के पश्चात अजवायन का पानी भी स्त्री को दिया जाता है।
7. इलायची के गुण
भोजन का स्वाद बढ़ाने वाली इलायची औषधीय गुणों से भरपूर है। मुंह की दुर्गंध को दूर करने के साथ ही ये भूख और कमजोर पाचन को भी दुरुस्त करने में प्रशस्त है। उच्च रक्तचाप को सामान्य रखने में इलायची लाभकारी है। इसके अतिरिक्त इलायची ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों से भी बचाव करती है।
8. दाल चीनी के गुण
एंटी ऑक्सीडेंट गुण युक्त दालचीनी अनेक रोगों में लाभप्रद है। इसके चूर्ण के सेवन से गठिया, आमवात एवम् संधिवात जैसे गंभीर समस्याओं में राहत मिलती है। दालचीनी का प्रयोग मधुमेह में किया जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर हृदय रोगों में भी लाभदायक है। कैंसर जैसे गंभीर बीमारी के लक्षणों से निजात दिलाने में भी दालचीनी सक्षम है।
निर्देश
उपरोक्त विदित मसालों के अतिरिक्त भी अनेक मसाले हैं जो हमारी दिनचर्या में प्रयुक्त होते हैं। व्यक्ति की प्रकृति, ऋतु , औषध मात्रा आदि का ध्यान रखकर ही किसी भी नुस्खे का प्रयोग करना चाहिए। विशेषकर बच्चो एवं गर्भवती महिला में इन बातों का विशेष ध्यान रखें।