Nutmeg: A Beneficial Herb (जायफल एक लाभदायक औषधि )

पूरे विश्व में भारत के भोजन को स्वाद के लिए जाना जाता है ऐसा इसलिए हैं क्योकि भारत देश में प्राकृतिक मसालों की भरमार है और उन्ही प्राकृतिक औषधीय मसालों  में से जायफल भी एक है ।इस मसाले का इस्तेमाल भारत में हर घर में होता होगा परन्तु इसके आयुर्वेदिक फायदों के बारे में कोई नहीं जानता   । यह मसाला जायफल के पौधे से तैयार किया जाता है ।यह पौधा एशिया द्वीप में सबसे ज्यादा विकसित होता है ।भारत के अलावा यह औषधीय पौधा श्रीलंका और इंडोनेशिया के मैदानी भागों में पाया जाता है ।जायफल के पौधे से तैयार मसाला सुगंध से भरपूर और स्वादिष्ट होता है । आयुर्वेद में जायफल के पौधे से प्राप्त बीज को जायफल और उस बीज के ऊपरी कवच को जावित्री के नाम से जाना जाता है ।यह बीज १ से २ इंच का होता है इसको आयुर्वेद में जातीफल के नाम से भी जाना जाता है । जायफल के अंदर पाए जाने वाले पोटेशियम ,आयरन ,कैल्शियम ,मैग्नीशियम और विटामिन जैसे महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं ।आयुर्वेद के अनुसार सर्दियों में जायफल का सेवन बहुत लाभकारी होता है ।जायफल मसाला आपके शरीर में वात और कफ दोषों   को संतुलित रखने में सहायक होता है ।इस लेख में हम जायफल के औषधीय गुणों के बारे में विस्तार से जानेगें ।

ancient Reference

व्याख्या– इस श्लोक में कहा गया है कि जायफल रस में तीखा और तेज होता है , उष्ण वीर्य ,रुचिकर ,लघु और कटु रस से युक्त होता है ,जठराग्नि को शांत रखने वाला ,ग्रहण करने योग्य और गले के रोगों में लाभदायक होता है ,कफ और वात दोष को संतुलित रखने वाला होता है,मुख की दुर्गंद को खत्म करने वाला ,मल की दुर्गंद और कालेपन को दूर करने वाला ,खांसी ,वमन ,श्वास,शोष ,बवासीर और हृदय रोगों में लाभदायक साबित होता है ।

संदर्भ-  भावप्रकाश निघण्टु ,(कपूरादिवर्ग),श्लोक – ५४ -५५ ।

आयुर्वेद के अनुसार जायफल के औषधीय गुण

1. नींद लाने में सहायक

आजकल की भागदौड़ भरी तनाव से युक्त ज़िंदगी और लोगों के गलत खान पान की वजह से अनिद्रा की समस्या सामान्य सी हो गयी है अगर इस समस्या को जल्दी दूर नहीं किया गया तो आगे चल कर ये बहुत बड़ी बीमारी का रूप ले सकती है।आयुर्वेद के अनुसार अनिद्रा की परेशानी को दूर करने के लिए जायफल का नियमित सेवन एक उत्तम उपाय है ।इसके इस्तेमाल  के लिए रात्री काल में सोने से १ घण्टा पहले अगर देसी गाय के दूध में एक चुटकी जायफल चूर्ण डालकर रोजाना सेवन किया जाए तो आपको अच्छी नींद लाने  में सहायक साबित होता है

2. पाचन तंत्र को रखे दुरुस्त

आज कल का खाना लोगों के शरीर को कितना नुकसान पहुंचा रहा है वो सोच भी नहीं सकते जंक फूड जैसा हानिकारक खाना सीधे  फेफड़ों और गुर्दों को प्रभावित करता है जिसके खाने से आपकी पाचन शक्ति खराब हो जाती है और आप अनेक बिमारियों के शिकार हो जाते हैं जैसे पेट की बीमारियां,हाई ब्लड प्रेशर ,हृदय रोग,अनिद्रा , त्वचा रोग आदि इन सभी समस्याओं को दूर करने और अपने पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए सुबह खाली पेट जायफल चूर्ण गुनगुने पानी के साथ सेवन करना चाहिए ।यह प्रयोग आपकी पाचन क्रिया को सुचारु रखने के साथ आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक साबित होता है ।

3. दांतों को मजबूत बनाए रखने में सहायक

अगर आपके दांतों में किसी भी प्रकार की कोई समस्या है या फिर आपके दांत दर्द करते हैं तो आपको अपने दांतों को मजबूत बनाए रखने के लिए जायफल चूर्ण का इस्तेमाल करना चाहिए ।दांतों के दर्द को खत्म करने के लिए नियमित रूप से जायफल चूर्ण से दांतों पर मंजन करना लाभकारी साबित होता है ।जायफल के अंदर पाया जाने वाला एंटीबैक्टीरियल तत्व  आपके दांतों को खराब होने से बचाता है । इसी कारणवश आज कल के दंतमंजनों में जायफल का मिश्रण होता है ।

जायफल एक लाभदायक औषधि

4. स्मरण शक्ति को बढ़ाने में असरदार

अगर आपकी स्मरण शक्ति तेज नहीं है तो आपके सामने दिनभर में अनेक समस्याएं आ सकती हैं ।यह परेशानी आपकी उम्र के साथ साथ बढ़ती चली जाती है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने शरीर को सुडोल बनाने के लिए पता नहीं क्या क्या करते हैं परन्तु अपनी स्मरण शक्ति के बारे में कुछ नहीं सोचते जिसके कारण लोगों की दिमागी शक्ति धीरे धीरे कम होती चली जाती है।अगर आप अपनी स्मरण शक्ति को बढ़ाना चाहते है तो आपको जायफल चूर्ण का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए ।इसके अंदर मैरिस्टिकीन जैसा महत्वपूर्ण गुण पाया जाता है जो आपके मस्तिष्क के विकास में सहायक साबित होता है ।

5. आँखों  के लिए फायदेमंद

आज कल के बच्चे खो खो , कब्बडी जैसे शारीरिक खेलों को छोड़ कर मोबाइल फ़ोन और टीवी पे  ज्यादा ध्यान देने लगे हैं इसी कारण से उनकी आँखों की रोशनी बहुत जल्दी कमजोर होने लगती है। अगर हम कोशिश करे और अपनी अच्छी ,बुरी आदतों का ध्यान  रखें तो अपनी आँखों को स्वस्थ और बिमारियों से मुक्त रख सकते हैं ।आयुर्वेद के अनुसार अगर जायफल को पानी में पीसकर उसका लेप तैयार कर लिया जाए और उस लेप को आँखों पर लगाया जाए तो यह प्रयोग आपकी आँखों को बिमारियों से बचाए रखने के साथ साथ आपकी आँखों की रोशनी को बढ़ाने में मददगार होता है ।

6. गठिया रोग में उत्तम औषधि

जितनी आपकी उम्र बढ़ती रहेगी उसके साथ साथ आपके शरीर की हड्डियां भी कमजोर होती रहेगीं ।हड्डियों के कमजोर होने के कारण अनेक लोगों के जोड़ों में दर्द होना शुरू हो जाता है जो आगे चल कर गठिया जैसी पीड़ादायक बीमारी का रूप ले लेता है ।अगर आप समय रहते जोड़ों की इस बीमारी को खत्म करना चाहते हैं तो आपको रोजाना जायफल के तेल की मालिश करनी चाहिए ।यह प्रयोग जोड़ों की बीमारी गठिया को दूर करने के साथ साथ आपके शरीर को अनेक बिमारियों से भी बचा के रखता है ।

7. मधुमेह को रखे संतुलित

एक शोध के अनुसार मधुमेह के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है ।आज के समाज में युवा से लेकर बुजुर्ग तक सभी इस जानलेवा बीमारी से ग्रसित हैं ।अगर आप शुगर की बीमारी से बचना चाहते हैं तो आपको जायफल का सेवन रोजाना करना चाहिए।आयुर्वेद के अनुसार जायफल में एंटीडायबिटिक गुण पाया जाता है जो आपके शरीर शुगर की मात्रा को संतुलित रखने में सहायक साबित होता है ।

8. रक्त को संतुलित रखने में लाभकारी

आपके शरीर के अंदर रक्त की मात्रा के बढ़ जाने से आप हाई ब्लड प्रेशर ,हृदय रोग ,लीवर में सूजन और फेफड़ों में संक्रमण की समस्या उत्पन हो सकती है अपने शरीर को इन सभी बिमारियों से सुरक्षित रखने के लिए आपको जायफल का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए इसके अंदर पाया जाने वाला एथेनिक नामक महत्वपूर्ण गुण आपके शरीर में रक्त की मात्रा को संतुलित बनाए रखने में सहायक होता है ।

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Dr. Vikram Chauhan

Dr. Vikram Chauhan (MD - Ayurveda) is the CEO and Founder of Planet Ayurveda Pvt. Ltd. He is Author of the Book "Ayurveda – God’s Manual For Healing". He is an Ayurveda Expert Serving People worldwide through all the Possible Mediums, Operating from Main Branch in Mohali, India. With his Vast Experience in Herbs and their Applied Uses, he is successfully treating Numerous Patients suffering from Various Ailments with the help of Purest Herbal Supplements, Diet, and Lifestyle, according to the Principles of Ayurveda. For More Details, visit www.PlanetAyurveda.com.

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