Medicinal Properties of Nagkesar (नागकेसर/ नागकेशर के औषधीय गुण)
आयुर्वेद में इस पौधे को पिंजर ,नागपुष्प और फणिकेसर आदि नामों से पहचाना जाता है ।यह पौधा शिव भगवान का सबसे प्रिय माना गया है ।नागकेसर के पौधे से प्राप्त फूल और फलों का इस्तेमाल प्राचीन काल से आयुर्वेदिक जड़ी बूटि के रूप में किया जा रहा है ।इस पौधे का आकार लम्बा और पत्तियां बिल्कुल पतली होती हैं ।भारत देश में यह पौधा तमिनलाडु,बंगाल और हिमाचल के जंगलों में विकसित होता है ।ग्रीष्म काल में इस औषधीय पौधे के फूल खिल उठते हैं और इन्ही फूलों के अंदर नागकेसर के पीले रंग के भाग को आयुर्वेद में नागकेसर के नाम से जाना जाता है ।नागकेसर के पौधे से प्राप्त होने वाली लकड़ियां बहुत ज्यादा मजबूत होती हैं ।तंत्र विद्या के अंदर नागकेसर को बहुत ही पवित्र और लाभकारी बताया गया है ।इसकी तासीर गरम होती है जो आपके शरीर के अंदर वात, पित्त और कफ दोष को संतुलित रखने में सहायक होती है ।नागकेसर के अंदर एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते है। इस लेख में हम शिव प्रिय नागकेसर के औषधीय गुणों के बारे में जानेगे ।
व्याख्या – इस श्लोक में कहा गया है कि नागकेसर थोड़ा गरम ,हल्का,कड़वा ,शरीर में कफ दोष को संतुलित रखने वाला ,मूत्राशय की बिमारियों को दूर करने में सहायक ,विष के प्रभाव को रोकने में सहायक ,वात रोगों को दूर करने में सहायक ,त्वचा की खुजली और सूजन को दूर करने में लाभकारी साबित होता है ।
संदर्भ- धन्वंतरि निघण्टु , शतपुष्पादि वर्ग, श्लोक -४९ ।
आइये जानते हैं नागकेसर के आयुर्वेदिक गुणों के बारे में
1. सांप के विष को खत्म करने में सहायक
आयुर्वेद के ग्रंथों में विस्तारपूर्वक बताया गया है कि अगर आपको सांप ने काट लिया है या फिर शरीर के अंदर सांप का विष रह गया है तो उसके लिए नागकेसर सबसे उत्तम औषधि मानी गयी है ।इसके इस्तेमाल के लिए आपको नागकेसर के पौधे से प्राप्त पत्तों को सादे पानी में पीसकर उस मिश्रण को सांप के काटने वाले भाग पर लगाने से विष बहुत जल्दी बाहर निकल जाता है ।
2. यौन शक्ति को बढ़ने में उपयोगी
अगर आपकी यौन कमजोरी की वजह से आपके संबंध आपके पार्टनर के साथ अच्छे नहीं बन पा रहे हैं और आप हमेशा चिंतित और उदास रहते हैं तो आपको नागकेसर का रोजाना सेवन करना बहुत उपयोगी साबित हो सकता है ।इसके लिए आपको नागकेसर के बीजों से तेल तैयार करके उस तेल को नियमित रूप से कामेन्द्रिय पर मालिश करने से आपकी यौन कमजोरी जल्दी खत्म हो जाती है।यह प्रयोग आपकी यौन शक्ति को बढ़ने के साथ-साथ आपके शरीर की बिमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक होता है ।
3. गठिया दर्द को दूर करने में सहायक
गठिया दर्द आपको सबसे ज्यादा सर्दी के मौसम में प्रभावित करता है जिसकी वजह से आपकी हड्डियां अकड़ जाती हैं ।सबसे ज्यादा परेशानी तो व्यक्ति को मल त्याग करते समय होती है जब उसको अपने घुटनों को मोड़ना पड़ता है ।इस पीड़ादायक बीमारी को दूर करने के लिए आपको नियमित रूप से नागकेसर के तेल का इस्तेमाल करना फायदेमंद साबित होता है ।इसके उपयोग के लिए आपको नागकेसर के बीजों से तेल निकालकर उस तेल को जोड़ों के दर्द वाले स्थान पर लगाने से आपकी गठिया की बीमारी जल्दी खत्म हो जाती है ।इस प्रयोग का रोजाना इस्तेमाल आपके शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक साबित होता है ।
4. बवासीर को दूर करने में सहायक
बवासीर की बीमारी की वजह से मल त्याग के समय असहनीय दर्द ,रक्त का निकलना आदि समस्याएं सामने आती हैं ।इस बीमारी की सबसे बड़ी वजह कब्ज का होना है अगर आपकी पाचन क्रिया ठीक होगी तो आपको ये बीमारी हो ही नहीं सकती ।कब्ज का सबसे बड़ा कारण आपका भोजन के बाद एकदम से बैठ जाना और रात्री भोजन के बाद एकदम से लेट जाना जैसी गलत आदतें हैं।इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए आपको नागकेसर की छाल का चूर्ण तैयार करके उसको सुबह खाली पेट सेवन करना आपकी बवासीर की बीमारी को खत्म करने के साथ-साथ आपके शरीर में रक्त के प्रवाह को भी संतुलित बनाए रखता है जिससे आपका शरीर हाई ब्लड प्रेशर जैसी जानलेवा बिमारियों से बचा रहता है ।
5. पेट की बिमारियों में लाभकारी
बहुत सारे लोग रात भर काम करते हैं और जल्दी सो नहीं पाते और सुबह देर से उठतें हैं ऐसा करने से वो अपनी पाचन प्रक्रिया को खराब कर रहें हैं जिससे उनका स्वास्थ्य जल्दी खराब हो जाता है ।आज का मनुष्य हेल्थी फ़ूड को छोड़ कर फ़ास्ट फ़ूड को रोजाना दिनचर्या में सेवन करने लगा है जो उसके पाचन तंत्र के लिए बहुत हानिकारक साबित होता है हम अपने स्वाद के चक्कर में अपने स्वास्थ्य को खराब कर लेते हैं जिसकी वजह से पेट दर्द ,गैस ,कब्ज,अल्सर और बवासीर जैसी बीमारियाँ उत्पन हो जाती है इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए नागकेसर का सेवन बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होता है ।इसके उपयोग के लिए आपको नागकेसर से प्राप्त फलों का चूर्ण तैयार करके उसको सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से आप पेट से संबंधित हर बीमारी से सुरक्षित रह सकते हैं ।
6. घाव को करे जल्दी ठीक
आपकी त्वचा के ऊपर किसी भी प्रकार का घाव या सूजन हो उसके लिए नागकेसर के बीज से तैयार तेल एक लाभदायक औषधि माना गया है ।अगर आपको जोड़ों का दर्द या फिर त्वचा पर घाव हो गया है तो आपको उस जगह नागकेसर का तेल लगाना बहुत फायदेमंद साबित होता है ।यह प्रयोग आपकी त्वचा के घावों को जल्दी ठीक करने के साथ-साथ जोड़ों से संबंधित समस्याओं से भी आपको सुरक्षित रखता है ।
7. खांसी और जुकाम को दूर करने में लाभकारी
अगर आपको दमा की शिकायत है और साथ में खांसी भी है तो आपके लिए नागकेसर की छाल का काढ़ा बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है । इसके सेवन के लिए नागकेसर की जड़ या छाल को १ गिलास पानी में उबाल लेना चाहिए और जब यह पानी आधा रह जाए तो इसको सुबह खाली पेट सेवन करना चाहिए, यह आपकी खांसी और जुकाम की समस्या को दूर करने के साथ-साथ आपके पाचन तंत्र को भी दुरुस्त बनाए रखने में सहायक साबित होता है ।