गोखरू एक महत्वपूर्ण वानस्पतिक औषधि
गोखरू का नाम शायद ही कोई जानता हो परन्तु आयुर्वेद के ग्रंथों में इस औषधि के अनेक गुणों के बारे में विस्तार से बताया गया है ।यह पौधा वर्षा के दिनों में विकसित होता है । आयुर्वेद चिकित्सा में तो गोखरू का उपयोग प्राचीन समय से अनेक बीमारियों के उपचार में होता आ रहा है ।यह पौधा सूखे स्थानों में उत्पन्न होता है । भारत में इसके उत्पन्न होने की जगह राजस्थान ,पंजाब और हरियाणा के कुछ सूखे भाग हैं ।इस लाभकारी पौधे का फल नागफनी के समान कांटेदार होता है । ऐसी अनेक बीमारियां हैं जिन में इस औषधि का इस्तेमाल लाभकारी होता है ।इस जड़ी बूटी के अंदर आपके शरीर के दोषों वात ,पित्त और कफ को संतुलित रखने की क्षमता होती है जिसकी वजह से आपका शरीर बीमारियों से मुक्त रहता है। इस औषधि से प्राप्त पत्ते ,फल और जड़ अलग अलग प्रकार की औषधि के रूप में आयुर्वेद चिकित्सा में प्रयोग होते रहे हैं ।इसका नियमित सेवन आपके शरीर को बीमारियों से मुक्त रखने के साथ साथ आपकी यौन शक्ति को भी बढ़ाता है ।आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथ चरक संहिता में तो गोखरू को मूत्राशय से संबंधित रोगों और वात दोष से संबंधित रोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण जड़ी बूटी बताया गया है । यहाँ पर गोखरू के बारे में बताया गया है ।
व्याख्या – इस श्लोक में गोखरू के गुणों के बारे में बताया गया है इसमें कहा गया है कि शरीर में वीर्य की गुण को बढ़ाने में सहायक ,शरीर के अंदर वात ,पित्त और कफ को संतुलित रखने में सहायक,भूख बढ़ाने वाला ,पेट दर्द में सहायक ,हृदय रोग में सहायक ,पेशाब में जलन को खत्म करने में सहायक और मूत्र प्रवाह को बढ़ाने वाला होता है।
संदर्भ – धन्वंतरि निघण्टु, श्लोक -१०३ ।
आइये जानते हैं किन बीमारियों में गोखरू के क्या हैं लाभ
1. गठिया रोग को करे जड़ से खत्म
गठिया का दर्द बहुत ही पीड़ादायक होता है अगर आपको भी गठिया का दर्द रहता और जोड़ों में सूजन रहती है तो आपके लिए गोखरू का सेवन फायदेमंद है ।इसके लिए आपको गोखरू के फल को पीसकर उसके चूर्ण में अदरक डालकर उस का मिश्रण कर लें और इस मिश्रण को एक गिलास पानी में उबाल लें और जब पानी आधा गिलास रह जाए तो उसको हल्का गरम कर के सुबह सुबह बिना कुछ खाए पीये इसके सेवन करने से आपकी गठिया की समस्या जल्दी ठीक हो जाती है । इसका प्रयोग जोड़ों के दर्द के लिए बहुत लाभकारी औषधि है ।
2. मूत्राशय के लिए फायदेमंद
गोखरू का रोजाना सेवन आपके मूत्राशय को हानिकारक संक्रमण से सुरक्षित रखता है|गोखरू के अंदर पाए जाने वाले गुणों में एक गुण एंटीलिथियेटिक का होता है यह आपकी मूत्र प्रणाली को स्वस्थ बनाने में सहायक होता है ।अगर आप गोखरू का सेवन नियमित करते हैं तो यह पेशाब करते समय दर्द होना या पेशाब करते समय जलन का अनुभव आदि इन सभी समस्याओं में बहुत फायदेमंद होता है । इसका प्रयोग मूत्राशय की झिल्ली को हानिकारक बैक्टीरिया से सुरक्षित रखता है और आपके मूत्र प्रवाह को बढ़ाने में सहायक होता है ।
3. सिरदर्द में फायदेमंद
आज की ज़िंदगी में तनाव इतना बढ़ चुका है कि इसको आसानी से दूर नहीं किया जा सकता और यही तनाव आपको सिरदर्द जैसी बीमारी से ग्रसित कर देता है ।प्राकृतिक औषधि गोखरू आपके शरीर में पित्त दोष को संतुलित रखने में सहायक होती है और इसी पित्त दोष की वजह से आपके सामने सिरदर्द जैसे परेशानियां आने लग जाती हैं ।सिरदर्द की समस्या में गोखरू के सेवन के लिए इस की जड़ से काढ़ा तैयार करके सुबह और शाम खाना खाने से १ घण्टा पहले सेवन करने से आपकी सिरदर्द की समस्या जल्दी ठीक हो जाती है ।यह प्रयोग आपके पित्त को बढ़ने से रोकता है और आपके मूत्राशय को स्वस्थ बनाए रखता है ।
4. पाचन तंत्र को रखे दुरुस्त
अगर आप चाहते हैं कि आपकी पाचन शक्ति हमेशा स्वस्थ और मजबूत बनी रहे और आपका शरीर जीवन भर स्वस्थ रहे तो इसके लिए आपके पाचन तंत्र का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है अगर आपकी पाचन प्रक्रिया ठीक नहीं होगी तो आपका शरीर स्वस्थ नहीं रह सकता ।गोखरू का काढ़ा आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाए रखता है जिसकी वजह से आपका शरीर पेट की अनेक बीमारियों से सुरक्षित रहता है ।अगर आप गोखरू की जड़ का चूर्ण और पीपल की छाल का चूर्ण मिलाकर काढ़ा तैयार कर लें और उसको सुबह सुबह खाली पेट सेवन करें । यह प्रयोग आपकी पाचन क्रिया को मजबूत बनाए रखता है और आपकी भूख बढ़ाने में सहायक होता है ।
5. त्वचा के लिए लाभदायक
आज के हानिकारक वातावरण में आपकी त्वचा का रोगों से ग्रसित होना सामान्य सी बात है । अगर आपको त्वचा से संबंधित कोई समस्या है जैसे कि खुजली होना ,लाल घेरे हो जाना या किसी भी प्रकार का घाव हो जाना इन सभी समस्याओं में गोखरू के फलों को पीसकर उसमे हल्का सा पानी का मिश्रण करके उस लेप को त्वचा पर लगाने से आपकी त्वचा की सभी समस्याएं बहुत जल्दी ठीक हो जाती हैं । यह उपयोग आपकी त्वचा को स्वच्छ बनाए रखने के साथ साथ बीमारियों से मुक्त रखता है।
6. रक्तपित्त को रखे संतुलित
अगर आपको उच्च रक्तचाप की समस्या है और यह आपके शरीर को प्रभावित कर रहा है तो आपको गोखरू का सेवन करना लाभदायक होता है यह आपके बढ़े हुए रक्तपित्त को सामान्य करने में सहायक होता है ।रक्तपित्त के रोगी को गोखरू की जड़ से १ चम्मच चूर्ण तैयार करके उसको १ गिलास देसी गाय के दूध में उबाल लेना चाहिए फिर उसको हल्का गरम कर के रात्रि के समय में सेवन करने से आपका रक्तपित्त संतुलित रहता है और आपका शरीर रक्तस्त्राव से बचा रहता है।
7. वीर्य को बढ़ाने में सहायक
अगर सेक्सुअल परेशानी की वजह से आपके संबंध आपके पार्टनर के साथ अच्छे नहीं बन पा रहे हैं और आप हमेशा चिंतित और निराश रहते हैं तो आपके लिए गोखरू का सेवन करना बहुत उपयोगी साबित हो सकता है ।इसके लिए आपको गोखरू के बीजों को पीसकर उसके १ चम्मच चूर्ण को १ गिलास देसी गाय के दूध में उबाल कर सुबह शाम खाना खाने से १ घण्टा पहले सेवन करना वीर्य को बढ़ाने के साथ साथ यौन संबंधी सभी समस्याओं से दूर रखता है । ।इसके अलावा अगर आप गोखरू बीज के चूर्ण में शतावरी का चूर्ण मिश्रण करके उसको रात्रि के समय देसी गाय के दूध के साथ सेवन करते हैं तो यह आपके वीर्य को मजबूत बनाता है और शरीर सुडोल बना रहता है ।