फैटी लीवर का इलाज आयुर्वेद के साथ

लीवर की कोशिकाओं में वसा का बहुत अधिक  मात्रा में बढ़ जाना और लीवर के ऊपर सोजिश आ जाना यही फैटी लीवर कहलाता है और यह गलत खान पान और बुरी आदतों से होता है ।इसके लक्षण है जैसे बहुत ज्यादा चिंता में रहना ,हमेशा थका थका महसूस करना ,पेट दर्द और शरीर का बहुत ज्यादा कमजोर हो जाना आदि । इस फैटी लीवर को अगर समय पर नहीं संभाला गया तो लीवर को बहुत ज्यादा हानि पहुँच सकती है । अत्यधिक खान पान फैटी लीवर के लिए बहुत बड़ी समस्या है।shloka

व्याख्या — यह श्लोक आयुर्वेद के ग्रन्थ चरक संहिता से लिया गया है जिसके रचियता महर्षि चरक हैं यहाँ पर आचार्य खाना खाने के बाद के कार्यों के बारे में बता रहें हैं वह कहते है कि भोजन करने के बाद ज्यादा हिलने डुलने से ,किसी सवारी गाड़ी में यात्रा करने से ,अधिक श्रम भरा कार्य करने से ,अधिक मैथुन करने से ,अधिक पैदल चलने से  अपने स्थान पर रहने वाली प्लीहा वहाँ से खिसक जाती है अथवा रसादि तत्वों  के बढ़ जाने से बढ़ा हुआ रक्त प्लीहा को बढ़ा देता है ।

    संदर्भ – चरक संहिता (चिकित्सा स्थान ) श्लोक -३५-३६ )

फैटी लीवर का इलाज आयुर्वेद के साथ

  • गुडूची एक जड़ी बूटी :– इस जड़ी बूटी की तासीर खट्टी होने के कारण भी इसके अंदर बहुत सारे गुण पाए जाते हैं जो शरीर में शक्ति का निर्माण करते हैं ।यह शरीर को बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा प्रदान करती है। बहुत सारी ऐसी बीमारी है जिनका इलाज ये बूटी करती है जैसे त्वचा के रोगों ,बवासीर ,मलेरिया ,गठिया का रोग ,और कब्ज में बहुत ज्यादा लाभकारक है ।इसका प्रयोग करने के लिए आप किसी वैद्य से सलाह ले सकतें हैं या फिर इसको अर्क के रूप में भी ले सकते हैं ।
  • पिप्पली भी बहुत उपयोगी :–इस जड़ी बूटी को हम कामशक्ति को बढ़ाने और अत्यधिक दर्द को रोकने के लिए करते हैं  ।यह बूटी पाचन शक्ति को बढ़ाने ,प्रजनन तंत्र को स्वस्थ रखने और श्वास कार्य को सुचारु रूप से चलाने का कार्य करती है । सबसे ज्यादा इस बूटी का प्रयोग सूखी  खांसी ,कफ वाली खांसी ,अस्थमा और मिर्गी आदि के रोगों में किया जाता है ।यह जड़ी बूटी लीवर को सबसे ज्यादा सुरक्षित रखती है इसी कारण से इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जाता है ।आप इसको तेल के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर वैद्य से सलाह लेकर इसका प्रयोग आप कर सकते  हैं ।इस जड़ी बूटी की ज्यादा मात्रा आपके शरीर में पित्त के स्तर को बढ़ा सकती है इसलिए  इस बूटी को आप वैद्य के परामर्श से ही इस्तेमाल करें ।

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फैटी लीवर रोग में क्या करें क्या न करें

  • समय पर ले भोजन — आप कभी भी भोजन का समय ऊपर या निचे ना करें हमेशा सही समय पे अच्छा और ताज़ा भोजन ही लें इससे आपकी पाचन शक्ति भी ठीक रहेगी और आपका लीवर भी स्वस्थ रहेगा ।
  • हमेशा तजा बना हुआ भोजन ही खाएं — आपको कभी भी रात का बना भोजन या डिब्बाबंद खाने से बचना चाहिए ये सब आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है ।हमेशा ताज़ा बना  हुआ  खाना ही खाएं ।
  • ज्यादा से ज्यादा गुनगुना पानी पियें — आप कभी भी ठंडा पानी ना पियें यह आपकी जठराग्नि को एकदम से ठंडा कर देता है जो की आपके पाचन तंत्र के लिए ठीक नहीं है इसलिए गुनगुना पानी दिन में कम से कम ७ से ८ लीटर जरूर पियें ।
  • दिनचर्या में व्यायाम को दे स्थान–अपनी दिनचर्या में व्यायाम को अपना लें इससे आपका शरीर भी स्वस्थ रहेगा और फैटी लीवर जैसी कोई समस्या भी नहीं होगी ।
  • योग और प्राणायाम करें –सुबह सुबह उठकर आप प्रतिदिन योग और प्राणायाम जरूर करें और धनुरासन और गोमुखासन अवश्य करें इससे आप सारा दिन एकदम तरोताजा महसूस करोगे और बहुत सारी बिमारियों से भी बचे रहोगे ।
  • खाने में हल्दी का करें इस्तेमाल –हल्दी एक ऐसा मसाला अथवा  जड़ी बूटी है जो बहुत सरे गुणों से भरपूर होती है। यह हमारे त्वचा रोग दूर करती है , पाचन प्रक्रिया ठीक करती है  और लीवर को हानिकारक तत्वों से बचाती है। आप इसका उपयोग करने के लिए भोजन में एक मसाले के रूप मे कर सकते  हैं ।
  • भोजन में क्या क्या खाएं — अपने भोजन में अदरक ,धनिया ,लहसुन,कढ़ी पत्ता ,करेला ,अनार,संतरा और काली मिर्च को जरूर इस्तेमाल करें ताकि आपका शरीर और स्वास्थ्य दोनों स्वस्थ बने रहें ये सब चीजें बहुत ही उपयोगी हैं । शरीर को अंदर से मजबूत बनाएं रखतीं हैं इसलिए इनका इस्तेमाल आपको करते रहना चाहिए।

फैटी लीवर में किन बातों से रहें सावधान

  • माँसाहारी खाने से दूर रहें — जितना ज्यादा हो सके माँसाहारी खाने से आपको बचना चाहिए और खाने में मछली,अंडा और मीट के सेवन से दूर रहना चाहिए ये सब आपके लीवर के साथ साथ आपके शरीर के स्वास्थ्य को भी खराब करते हैं ।
  • भोजन में क्या ना खाएं –अपने भोजन से हमेशा इन चीजों को दूर रखें जैसे आलू ,दूध ,काला चना,गोभी ,अचार ,चॉकलेट और  आइस्क्रीम इन सब चीजों से दूर रहें |यह आपके स्वास्थ्य के लिए सही रहेगा ।
  • खट्टे और तीखे पदार्थों –अपने लीवर को सुरक्षित रखने के लिए आपको सभी प्रकार के खट्टे और तीखे पदार्थों को छोड़ना होगा तभी आपका शरीर और स्वास्थ्य ठीक रह सकता है ।
  • शराब और नशीले पदार्थों से रहें दूर— जितना ज्यादा हो सके शराब और धूम्रपान जेसे नशीले पदार्थों से दूर रहें ताकि आपका लीवर और किडनी स्वस्थ बने रहें और आपके शरीर के अंदर कोई बीमारी ना आए ।
  • दिन में ना सोएं— अपनी दिनचर्या में दिन में सोने को बिल्कुल निकाल दें । रात को अपनी नींद पूरी करें परन्तु दिन में बिल्कुल ना सोएं ।
  • ज्यादा भोजन ना करें — भोजन हमेशा पेट भरने के लिए खाएं स्वाद के लिए कभी भोजन ना खाएं । ज्यादा खाना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है । ज्यादा खाना पाचन तंत्र को प्रभावित करता है और फिर लीवर पर असर करने लग जाता है इसलिए खाने की मात्रा  ज्यादा ना रखें ।
  • फ़ास्ट फ़ूड से रहें दूर — अगर आप अपने स्वास्थ्य को  बनाए रखना चाहते हैं तो फ़ास्ट फ़ूड को अपने खाने से दूर ही रखें ।यह आपके लीवर  को तो नुकसान पहुंचाएगा साथ की साथ आपके स्वास्थ्य को भी बहुत ज्यादा खराब कर सकता है
  • मसालेदार खाने से रहें दूर –अपने लीवर की सुरक्षा के लिए आपको मसालेदार खाना छोड़ देना चाहिए । यह खाना आपकी आंतों में हानिकारक बीमारी उत्पन कर सकता है इसलिए अपने आपको ऐसे खाने से दूर रखें ।
  • गैस से युक्त पदार्थ से करें परहेज — गैस से युक्त खाना अगर आप खा  रहें हैं तो उसको छोड़ देना चाहिए यह आपके लीवर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है इस खाने में फैट को बढ़ाने वाले तत्त्व मौजूद होते हैं इसलिए आपको गैस से युक्त खाना नहीं खाना  चाहिए।
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Dr. Vikram Chauhan

Dr. Vikram Chauhan (MD - Ayurveda) is the CEO and Founder of Planet Ayurveda Pvt. Ltd. He is Author of the Book "Ayurveda – God’s Manual For Healing". He is an Ayurveda Expert Serving People worldwide through all the Possible Mediums, Operating from Main Branch in Mohali, India. With his Vast Experience in Herbs and their Applied Uses, he is successfully treating Numerous Patients suffering from Various Ailments with the help of Purest Herbal Supplements, Diet, and Lifestyle, according to the Principles of Ayurveda. For More Details, visit www.PlanetAyurveda.com.

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