अस्थमा एक हानिकारक बीमारी

यह बीमारी आपके फेफड़ों से शुरू होती है और आपके सारे शरीर को प्रभावित करती है इसकी वजह से आपको साँस छोड़ने और लेने दोनों में परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर किसी को अस्थमा की बीमारी होगी तो उसकी स्वांस नली में सोजिश आ जाती है इसके बहुत सारे लक्ष्ण हो सकते हैं जैसे साँस खींचते समय आवाज निकलना ,बहुत ज्यादा खांसी ,और शरीर का जकड़न महसूस करना ये सभी परेशानियां आने लग जाती है । अस्थमा २ प्रकार का बताया गया है जिसके नाम है बाहरी अस्थमा जो हमारी त्वचा के ऊपर खुजली आदि से हो जाता है और दूसरा है आंतरिक अस्थमा इसमें दूषित वायु आपके शरीर में चली जाती है और आपकी  श्वास नली को प्रभावित करती है ।

shloka

व्याख्या – यह श्लोक आयुर्वेद के ग्रन्थ चरक संहिता के चिकित्सास्थान के हिक्काश्वास से लिया गया है इस श्लोक में  श्वास की समस्या बताई गयी है ।यह श्लोक कहता है कि जब वायु का संचार स्त्रोतों की उलटी दिशा में होने लगे तब वह ग्रीवा और सिर को जकड़ लेती है और कफ को प्रेरित करके सर्दी और जुकाम जैसी समस्या उत्पन करती है इस प्रकार से कफ से रुकी हुई वायु श्वास नली में आवाज करती है और प्राण को संकट में डालने वाले श्वास रोग उत्पन करती है । श्वास का वेग तीव्र होने पर रोगी शर्मिंदगी महसूस करता है , उसको खांसी आती है और कभी रुक जाती है ,कभी कभी खांसी से बेहोशी भी लगने लगती है । कफ बाहर निकलते समय उसको बहुत पीड़ा होती है और जब कफ निकल जाता है तो उसको थोड़ी देर के लिए आराम मिलता है ।

संदर्भ –   चरक संहिता (चिकित्सास्थान,हिक्काश्वानस ) चैप्टर –१७ ,श्लोक ५५-५८ 

अस्थमा की बीमारी का सबसे बड़ा लक्षण खराब वातावरण है । बड़ी बड़ी  मिलों और गाड़ियों का हानिकारक धुंवा आपके शरीर के अंदर चला जाता है और अस्थमा जैसी हानिकारक बीमारी उत्पन कर देता है ।बहुत ज्यादा नशीले पदार्थों का सेवन भी अस्थमा का कारण बनता है।बहुत ज्यादा मात्रा में दवाइयों का इस्तेमाल ,शराब और ज्यादा चिंतित रहना भी अस्थमा के संकेत हैं।अस्थमा की बीमारी आपको अनुवांशिक भी हो सकती है |अत्यधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन भी अस्थमा के कारणों में से एक है ।

asthma

किन किन स्थितियों में अस्थमा होता है आइये जानते हैं

  • किसी चीज की अति से अस्थमा:– इस अस्थमा के अंदर अगर आप किसी चीज़ को ज्यादा करते है तो ये अस्थमा हो सकता है जैसे बहुत ज्यादा चिंतित रहना ,बहुत ज्यादा बुखार ,अधिक ठंड का लग जाना या फिर बहुत ज्यादा हंसना और रोना इन सभी कारणों से ये अस्थमा हो सकता है।
  • किसी चीज के सम्पर्क से अस्थमा :–अगर आप धुंआ या धूल के पास जाते हो तो आपकी साँस फूलने लग जाती है ये भी अस्थमा  का कारण हो सकता है ।
  • अत्यधिक शारीरिक कार्य से :– अगर लोग शरीर की क्षमता से ज्यादा काम कर लेते हैं या फिर कोई भी शारीरिक कार्य बहुत ज्यादा कर लेने से भी ये अस्थमा हो सकता है ।
  • कफ भी एक कारण :– अगर आपको कफ की समस्या है या फिर खांसी के साथ बहुत ज्यादा कफ बाहर आता है और ये समस्या बार बार होती रहती है तो भी आपको अस्थमा हो सकता है ।
  • एक ही कार्य करते रहने से :– अगर आप एक ही कार्य हर दिन कर रहे हैं और कोई भी कार्य परिवर्तन नहीं हो रहा तो आपको एकदम से अस्थमा हो सकता है ।
  • बच्चों को अस्थमा :– ये अस्थमा बच्चों को ही होता है परन्तु बच्चे के बड़े होते ही यह खतरा टल जाता है ।इसलिए अगर आपको जरा भी महसूस हो तो इसका उपचार समय पर करवा लें ।

अस्थमा होने के मुख्य संकेत

  • शरीर में जकड़न लगना
  • साँस को खींचते समय आपके सीने से आवाज़ निकलना
  • खांसी के समय कफ ज्यादा निकलना
  • ठंडे वातावरण में ज्यादा रहने से
  • स्वांस नली में रुकावट लगना
  • बहुत ज़्यादा व्यायाम करने से
  • ज्यादा कार्य के समय उलटी आना

अस्थमा  पीड़ित किन चीजों से रहें सावधान

  • बहुत ज्यादा बारिश के पानी से और धूल मिट्टीसे बच के रहना चाहिए
  • बहुत ज़्यादा गरम मौसम से अपने आप को दूर रखें
  • मुँह पर कपड़ा बांध कर घर से निकलें और गाड़ियों के खराब प्रदूषण से अपने आप को दूर रखें ।
  • धूम्रपान न करें और इसका सेवन करने वालों से दूर रहें
  • भोजन में हरी और ताज़ा सब्जियों को सेवन करें
  • सुबह उठकर सूर्य को नमस्कार करें

आयुर्वेदिक  तरीके से कैसे करें अस्थमा का उपचार आइये जानते हैं

  • लहसुन है बहुत फायदेमंद :– अगर आपको अस्थमा की समस्या अभी अभी शुरू हुई है तो आपको एक गिलास दूध में लहसुन की ५ कलियों को डाल कर उसको अच्छे से उबाल लेना चाहिए और उस उबले हुए दूध को सुबह सुबह खाली पेट सेवन करने से  आपकी अस्थमा की समस्या बहुत जल्दी ठीक हो जाएगी ।
  • अदरक भी है उपयोगी :– अस्थमा के रोगी के लिए सबसे उत्तम उपाय है मेथी दाने के साथ अदरक का रस और मधु का मिश्रण सेवन करना ।अस्थमा रोगियों के लिए यह उपाय लाजवाब साबित होता है इसके  प्रयोग के लिए आप अदरक का रस एक चम्मच लें और उसको आधा गिलास मेथी दाने के काढ़े में मिलालें और उसके अंदर इच्छानुसार मधु की मात्रा मिलालें और इस घोल को अस्थमा मरीजों को दें ।अगर ये प्रयोग आप नियमित रूप से करते है तो आपकी अस्थमा की बीमारी बहुत जल्दी खत्म हो जाएगी ।
  • अजवाइन भी है काफी फायदेमंद :– अगर अस्थमा का रोगी एक चम्मच अजवाइन लेकर उसको ३ गिलास पानी में उबालकर उस पानी की भांप लेता है या फिर उस पानी को हल्का ठंडा करके छान कर पी लेता है तो ये उपाय भी बहुत असरदार साबित हो सकता है।इसलिए अगर अस्थमा का आभास लगे तो उसको तुरंत अजवाइन का सेवन कराना चाहिए |
  • लौंग भी लाभदायक :– अगर आपको अस्थमा की शिकायत है और आप घर पर ही इसका उपचार करना चाहते हैं  तो आपको ५ से ६ लौंग लेकर उसको १ गिलास पानी में अच्छे से उबाल लेना चाहिए और उस उबले हुए पानी को सूती कपड़े से छान कर उसके अंदर इच्छानुसार मधु डाल कर इस घोल को हल्का गरम ही सेवन कर लेने से आपको  अस्थमा के अंदर बहुत लाभ प्राप्त होगा ।
  • सहजन की पत्तियां भी उत्तम उपाय :– अस्थमा के मरीज के लिए सहजन का सेवन करना काफी असरदार हो सकता है। इसके उपयोग के लिए आप सहजन के कुछ पत्ते लेकर उसको १ गिलास पानी में उबाल कर रख लें और उसके ठंडा होने के बाद उसके अंदर सेंधा नामक मिलाए और उसको छान कर नियमित रूप में  पीने से अस्थमा रोग में बहुत लाभ प्राप्त होता है ।
Spread the love

Dr. Vikram Chauhan

Dr. Vikram Chauhan (MD - Ayurveda) is the CEO and Founder of Planet Ayurveda Pvt. Ltd. He is Author of the Book "Ayurveda – God’s Manual For Healing". He is an Ayurveda Expert Serving People worldwide through all the Possible Mediums, Operating from Main Branch in Mohali, India. With his Vast Experience in Herbs and their Applied Uses, he is successfully treating Numerous Patients suffering from Various Ailments with the help of Purest Herbal Supplements, Diet, and Lifestyle, according to the Principles of Ayurveda. For More Details, visit www.PlanetAyurveda.com.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *