Acacia- A Medicinal Plant (बबूल एक औषधीय पौधा)
बबूल का पौधा अनेक औषधीय गुणों से भरपूर होता है ।भारत देश में यह लाभकारी पौधा काफी मात्रा में जंगली भागों में पाया जाता है ।बबूल को आयुर्वेद में कीकर के नाम से भी जाना जाता है ।बबूल के पौधे से प्राप्त लकड़ी ,फूल ,छाल और जड़ का इस्तेमाल प्राचीन काल से अनेक आयुर्वेदिक दवाईयां बनाने के लिए होता रहा है ।प्राचीन काल में लोग बबूल कि टहनियों तो तोड़ कर उनसे दांत साफ करते थे । आयुर्वेद के अनुसार तो बबूल अनेक आयुर्वेदिक गुणों वाली जड़ी बूटी है ।आज के समाज में बबूल को एक सामान्य वृक्ष समझा जाता है परन्तु इसके बिमारियों को दूर करने वाले गुणों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं ।बबूल के पेड़ कि पत्तियां बहुत छोटी और पतली होती हैं ।बबूल के पौधे से गोंद भी प्राप्त किया जाता है । इस औषधीय पौधे के अंदर बहुत सारे कांटे होते हैं ।ग्रीष्म काल में इस पौधे के पीले रंग के फूल अच्छी तरह खिल जाते हैं । सर्दी ऋतू के आते ही इस पौधे में फलियां आने लग जाती हैं ।इस लेख में हम बबूल के औषधीय गुणों के बारे विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त करेगें ।
व्याख्या – इस श्लोक में कहा गया है कि बबूल ग्राही एवं कफ कुष्ठ,त्वचा रोग तथा विष का नाशक है।
संदर्भ- भावप्रकाश निघण्टु, (वटादिवर्ग), श्लोक -३७ ।
आइये जानते हैं बबूल के औषधीय गुणों के बारे में
1. कमरदर्द को दूर करने में असरदार
अगर आपको अत्यधिक शारीरिक कार्य करने कि वजह से कमरदर्द हो जाता है तो इसको दूर करने के लिए बबूल की छाल,फूल और उससे प्राप्त गोंद को समान मात्रा में अच्छी तरह पीसकर मिश्रण तैयार कर लें अब इस मिश्रण से सुबह और शाम एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से आपको कमरदर्द में बहुत जल्दी आराम पहुँचता है।
2. खुजली को करे दूर
आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार अगर आपको त्वचा पर कहीं भी खुजली या फिर दाद हो गया है तो उसको दूर करने के लिए बबूल के फल फायदेमंद साबित होते हैं ।इनका इस्तेमाल करने के लिए बबूल के पौधे से प्राप्त फलों को सिरके में अच्छे से पीसकर इस मिश्रण को खुजली वाली जगह या दाद के ऊपर लगाने पर इन समस्याओँ से जल्द रहत मिलती है।
3. घाव भरने में लाभकारी
बबूल के अंदर एंटी बैक्टीरियल गुण भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो आपके शरीर की त्वचा के घाव को संक्रमण से बचाए रखने के साथ साथ उसको जल्दी भरने में सहायक होता है।इसके इस्तेमाल के लिए आपको बबूल की पत्तियों को पानी के साथ अच्छे से पीसकर इस लेप को त्वचा के घाव के ऊपर लगाने से आपका घाव जल्दी ठीक हो जाता है।
4. खांसी को दूर करने में फायदेमंद
एक शोध के अनुसार खांसी से ग्रसित व्यक्ति अगर बबूल से प्राप्त होने वाली गोंद का छोटा सा टुकड़ा मुँह में रख कर थोड़ी देर तक चूसता रहे तो उसे जल्द ही खांसी से राहत मिल जाती है। ।आयुर्वेद के अनुसार अगर इस प्रयोग का नियमित इस्तेमाल किया जाए तो पुरानी से पुरानी खांसी को भी दूर किया जा सकता है।
5. पसीना कम करने में मददगार
आयुर्वेद पद्धति के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को पसीना बहुत ज्यादा आता है तो उसके लिए बबूल काफी लाभकारी साबित होती है ।इसके इस्तेमाल के लिए रोजाना बबूल के पौधे से प्राप्त पत्तियों को अच्छे से पीसकर इनको त्वचा पर लगाकर उसके आधा घंटे बाद नहा लेने से बहुत ज्यादा पसीने की समस्या दूर हो जाती है।यह प्रयोग शरीर को त्वचा रोगों से बचाए रखने में कारगर साबित होता है।
6. वजन कम करने में फायदेमंद
ऐसा देखा गया है कि लोग अपने शरीर का वजन करने के लिए शारीरिक व्यायाम के साथ साथ अनेक प्रकार कि दवाईयां और हानिकारक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं परन्तु कुछ आराम नहीं मिलता ।अगर आप मोटापे की समस्या से परेशान हैं तो आपको बबूल के पत्तों का इस्तेमाल करना आपके लिए लाभदायक साबित होता है। इसके उपयोग के लिए, बबूल के पौधे से प्राप्त पत्तियों को पानी के साथ अच्छे से पीसकर शरीर की अतिरिक्त चर्बी और पेट पर लगाने से आपका वजन बहुत जल्दी कम होने लग जाता है। यह प्रयोग वजन को संतुलित रखने के साथ साथ शरीर को त्वचा की बिमारियों से भी सुरक्षित रखता है।
7. मासिक चक्र में लाभकारी
आयुर्वेद के अनुसार अनेक महिलाओं को मासिक चक्र की अनियमितता के साथ साथ अत्यधिक रक्तस्त्राव की समस्या भी होती है इन सभी समस्याओँ में बबूल एक लाभकारी औषधि का काम करता है। इसके इस्तेमाल के लिए बबूल से प्राप्त गोंद को हल्का सा भूनकर उसके अंदर अलसी का चूर्ण बराबर मात्रा में पीसकर एक चम्मच सुबह और शाम गुनगुने पानी के साथ सेवन करना आपके लिए लाभकारी साबित होता है। यह प्रयोग मासिक चक्र की अनियमितता को दूर कर रक्तस्त्राव को कम करने में असरदार होता है।
8. आंखों को रखे स्वस्थ
आज कल के खराब वातावरण और दूषित वायु की वजह से छोटी उम्र में आंखें खराब होना शुरू हो जाती है ।अगर आपको आंखों से संबंधित कोई भी समस्या है तो आपको बबूल से प्राप्त पत्तियों का अर्क तैयार करके उसकी २ बूंद आंखों में नियमित रूप से डालने पर आंखों से निकलने वाला अत्यधिक पानी ,आंखों का लाल हो जाना आदि समस्याओं में लाभकारी होती है ।इस प्रयोग का नियमित इस्तेमाल आंखों को अनेक बिमारियों से सुरक्षित रखने के साथ साथ आंखों की रोशनी को तेज करने में सहायक साबित होता है।
9. दांतों के लिए रामबाण औषधि
आयुर्वेद चिकित्सा में दांतों को बिमारियों से बचाए रखने और उनको मजबूत बनाने के लिए बबूल को रामबाण औषधि माना गया है।एक शोध के अनुसार अगर नियमित रूप से बबूल के पौधे से प्राप्त दांतुन से मंजन किया जाए तो यह दांतों को रोग मुक्त बनाने के साथ साथ मसूड़ों को मजबूत बनाने में भी सहायक होता है ।इसके अलावा अगर आपके दन्त गंदे हो गए हैं तो बबूल की छाल का चूर्ण नियमित रूप से दांतों के ऊपर मंजन करने आपके दन्त साफ और मजबूत बने रहते हैं।