Aak (Calotropis Gigantea) an Ayurvedic Plant (आक एक आयुर्वेदिक पौधा)
आक का पौधा बारह महीने फल और फूलों से भरा रहता है। यह पौधा झाड़ी के रूप में विकसित होता है। आयुर्वेद में आक को अकौवा के नाम से भी जाना जाता है । यह पौधा आपने देखा तो जरूर होगा परन्तु इसके औषधीय गुणों के बारे में शायद आप नहीं जानते हैं ।इस औषधीय पौधे का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही अनेक बिमारियों की रोकथाम के लिए होता रहा है ।आक के पौधे से प्राप्त फल ,फूल,पत्ते और इससे निकलने वाले दूध के समान तरल पदार्थ से अनेक बिमारियों को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक औषधीय तैयार की जाती हैं ।आक का पौधा अपनी २ प्रजातियों के लिए जाना जाता है जिनमे से एक के फूलों का रंग हल्का नीला होता है और दूसरी के फूलों का रंग सफेद होता है ।सफेद फूलों वाला आक बहुत कम पाया जाता है ।आक के पौधे में अनेक टहनियां होती हैं यह पौधा २ से ३ मीटर तक ऊँचा हो सकता है। अगर आप आक के पत्तों को तोड़ते हैं तो इसके अंदर से दूध के समान तरल पदार्थ निकलता है जो अनेक बिमारियों में लाभकारी होता है। आक के अंदर अनेक पोषक तत्व और खनिज पदार्थ पाए जाते हैं जो आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में लाभदायक होते हैं ।इस लेख में हम आक के आयुर्वेदिक गुणों के बारे में जानेगें जो अनेक बिमारियों को दूर करने में सहायक साबित होते हैं ।
आइये जानते हैं आक के आयुर्वेदिक गुणों के बारे में
1. बवासीर की उत्तम औषधि
आयुर्वेद के अनुसार अगर किसी को बवासीर की समस्या हो तो उसके लिए आक का औषधीय पौधा असरदार जड़ी-बूटी साबित हो सकता है ।बवासीर के रोगी को आक के पत्तों का उपयोग करना फायदेमंद होता है इसके इस्तेमाल के लिए आक के पत्तों को जला कर उसके धुएं को नियमित रूप से लेने से आपकी बवासीर की खुजली और दर्द बहुत जल्दी ठीक होने लगते हैं ।यह प्रयोग बवासीर की समस्या से परेशान व्यक्ति को जरूर इस्तेमाल करना चाहिए।
2. जोड़ों के दर्द को करे खत्म
अगर आप जोड़ों के दर्द से बहुत ज्यादा परेशान हैं तो आपको आक का इस्तेमाल करना मददगार साबित हो सकता है ।जोड़ों के दर्द में आक के पत्ते रामबाण औषधि का काम करते हैं ।इसके इस्तेमाल के लिए आक के पत्तों को पीसकर उससे प्राप्त लेप को जोड़ों के दर्द प्रभावित भाग पर लगाने से आपको जोड़ो के दर्द में अच्छा फायदा पहुँचता है ।यह प्रयोग जोड़ों की बीमारी गठिया को दूर करने में लाभकारी साबित होता है ।
3. अस्थमा को करे दूर
श्वास से संबंधित किसी भी बीमारी को दूर करने के लिए जैसे खांसी , सीने में दर्द ,श्वास लेने में परेशानी और दमा की समस्या इन सभी में आक के पौधे से प्राप्त फूल आयुर्वेद के अनुसार उत्तम औषधि माने गए हैं।दमा की बीमारी को दूर करने के लिए आक के फूलों को अच्छे से सुखा कर उनसे चूर्ण तैयार कर लेना चाहिए फिर उस चूर्ण के अंदर सैंधा नमक चुटकी भर मिला लेना चाहिए और इस मिश्रण को सुबह खाली पेट आधा चम्मच गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से दमा की समस्या बहुत जल्दी दूर हो जाती है ।इसलिए अस्थमा और खांसी के मरीजों को आक के फूलों का सेवन करना फायदेमंद साबित होता है ।
4. त्वचा रोगों में सहायक
एक शोध के अनुसार अगर त्वचा रोगों में आक से निकलने वाले दूध का इस्तेमाल किया जाए तो आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है ।त्वचा के रोग जैसे खुजली ,लाल घेरे ,दाद,संक्रमण आदि से ग्रसित व्यक्ति को आक के दूध को प्रभावित त्वचा पर लगाना त्वचा रोगों को दूर करने वाला साबित होता है ।आक में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट आपके शरीर को त्वचा रोगों से बचाए रखने में सहायक साबित होता है ।
5. यौन शक्ति को बढ़ाने में सहायक
अगर आपकी यौन कमजोरी की वजह से आपके निजी संबंध प्रभावित हो रहे हैं तो आपको आक का इस्तेमाल करना यौन शक्ति को बढ़ाने में लाभकारी साबित हो सकता है ।आयुर्वेद के अनुसार अगर किसी भी व्यक्ति को यौन कमजोरी है तो उसको आक के पौधे से निकलने वाले दूध का सेवन करना यौन शक्ति को बढ़ाने में फायदेमंद साबित हो सकता है ।एक शोध के अनुसार लोग इसको काम शक्ति को बढ़ाने के लिए प्रयोग में लाते हैं । इसलिए अगर किसी की यौन शक्ति कमजोर है तो उसको आक से प्राप्त होने वाले दूध का सेवन करना चाहिए ।