अमरुद के वृक्ष का परिचय तथा उनके फलों के औषधीय गुण

प्राचीन काल से ही इस प्राकृतिक फल का उपयोग अनेक बीमारियों की रोकथाम के लिए होता रहा है। अमरुद का वृक्ष भारत देश का मूल निवासी है, परन्तु कुछ लोग इसको पुर्तगाल की वनस्पति कहते है। इस फल के अंदर अनेक पोषक तत्व और खनिज पदार्थ पाए जाते हैं, जो हमारे पाचन तंत्र और हमारे संम्पूर्ण शरीर को बीमारियों से मुक्त रखने में लाभकारी साबित होते हैं। आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों के अनुसार अमरुद का पेड़ प्राचीन काल में जंगली में विकसित होता था, परन्तु आज कल  हर घर में इसको देखा जा सकता है।

अमरुद के पौधे का परिचय

यह औषधीय गुणों से भरपूर पौधा एक जंगली वनस्पति है। आयुर्वेद के अनुसार इस वृक्ष को आम के परिवार से संबंधित माना जाता है। अमरूद हमारे देश का एक प्रमुख फल है| यह हल्के हरे रंग का तथा खाने में मीठा होता है| इसके अंदर बहुत संख्या में छोटे-छोटे बीज होते हैं| अमरूद बेहद आसानी से मिल जाने वाला फल है| लोग घरों में भी इसका पेड़ लगाते हैं| पर बेहद सामान्य फल होने के कारण ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं होता है कि ये स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद होता है|

अमरूद की तासीर ठंडी होती है| ये पेट की बहुत सी बीमारियों को दूर करने में बहुत लाभदायक है| अमरूद के सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है| इसके बीजों का सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है| अमरूद में विटामिन C की पर्याप्त मात्रा होती है, जिससे अनेक बीमारियों में फायदा होता है| इस वृक्ष की लम्बाई 25 से 30 फीट तक होती है। इस पौधे के पत्ते 3 से 4 इंच के लम्बे और 2 इंच तक चौड़े होते हैं। अमरुद के पौधे की 2 किस्मे होती है -लाल अमरुद और सफेद अमरुद। आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार लाल फल बहुत ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद में इस फल को अमृत फल भी कहा जाता है। अमरुद के अंदर आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ और एंटी इंफ्लेमेंटरी, एंटी ऑक्सीडेंट, और हानिकारक संक्रमण को खत्म करने वाले गुण पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को गंभीर बिमारियों से सुरक्षित रखने के साथ-साथ शरीर की बीमारियों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं।

अमरुद

अमरुद के वृक्ष के अन्य भाषों में नाम

  • लेटिन – पसीडियम
  • इंग्लिश- ग्वावा
  • हिंदी- अमरूद, जामफल
  • तेलुगु- एत्ताजम , जमाकाया
  • तमिल- कोय्या , सेगाप्पूगोया , गोय्या
  • मराठी- जम्बा
  • संस्कृत -दृढबीजम्, मृदुफलम्, अमृतफलम्
  • उर्दू -अमरूद
  • ओड़िआ – बोजोजामो
  • असाम – मधुरियम

शरीर के अंदर तीनों दोषों पर अमरुद के प्रभाव

आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार अमरुद को शरीर के अंदर तीनों दोषों के असंतुलन को दूर करने वाला बताया गया है| यह  मुख्य रूप से पित्त को संतुलित रखने में मददगार साबित होता है, जिसकी वजह से हमारे शरीर में पाचन संबंधी विकार जैसे पेट दर्द, कब्ज, गैस और अल्सर जैसी समस्याएं हो सकती है, जो आगे चलकर अनेक गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं। अमरुद हमारे हृदय को मजबूती देने वाला, आंत से संबंधित रोगों को दूर करने वाला, कफ और पित्त नाशक कहा गया है।

अमरुद के आयुर्वेदिक गुण

1. पाचन तंत्र को दुरुस्त रखे

आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार अमरुद के अंदर आयरन और फाइबर अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है जो हमारे शरीर की जठराग्नि को उत्तेजित करने में मदद करता है और हमारा भोजन अच्छे से पच जाता है, जिससे हम पाचन तंत्र के विकारों से सुरक्षित बने रहते हैं। अमरुद के अंदर पाए जाने वाले लाभकारी गुण आँतों के अंदर जमा हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करते हैं। इसलिए हमें मौसम के अनुसार अमरुद का सेवन करते रहना चाहिए।

2. दांत दर्द को दूर करने में उपयोगी

अगर किसी  भी व्यक्ति को दांतों या मसूड़ों में दर्द रहता है, तो उसको सुबह उठते ही अमरुद के 5 से 6 पत्तों को रोजाना चबाने से  मसूड़े मजबूत बने रहते हैं। इस प्रयोग का उपयोग हमें मुँह से संबंधित बीमारियों से बचाए रखने में मदद करता है।

3. हृदय रोगों से सुरक्षित रखे

अत्यधिक खान-पान और असंतुलित जीवनशैली की वजह से व्यक्ति आज बहुत जल्दी हृदय की बिमारियों से पीड़ित हो जाता है जो आगे चलकर उसके लिए खतरनाक स्थिति उत्पन कर सकती है। हृदय की बीमारियों से सुरक्षित बने रहने के लिए हमें अमरुद के बीज से चूर्ण तैयार करके रात को सोने से पहले देसी गाय के 1 गिलास गर्म  दूध के साथ 1 चम्मच चूर्ण रोजाना सेवन करना चाहिए। यह प्रयोग हमारे हृदय की कोशिकाओं  को मजबूती प्रदान करने के अलावा हमें अनेक गंभीर बीमारियों से बचा के रखता है।

4. शुगर को संतुलित रखने में सहायक

अक्सर ऐसा देखा जाता है कि उचित खान-पान न होने के कारण व्यक्ति के शरीर के अंदर इन्सुलिन की मात्रा बढ़ जाने के कारण शुगर का स्तर बढ़ जाता है, जो हमारे लिए हानिकारक साबित हो सकता है, इसलिए इस समस्या को समय रहते दूर कर लेना चाहिए।  मधुमेह से ग्रसित व्यक्ति अगर शाम को भोजन  के बाद या दोपहर को भोजन  के 1 या 2 अमरुद का रोजाना सेवन करता है, तो हम शुगर की बीमारी को बहुत जल्दी ठीक कर सकते हैं। अमरुद के अंदर पाए  जाने वाले गुण  शुगर की मात्रा को संतुलित बनाए रखने में मदद करते हैं।

5. कैंसर के रोग को नष्ट करने में मददगार

एक शोध के अनुसार अमरुद का रोजाना सेवन शरीर के अंदर  कैंसर के संक्रमण और उसकी कोशिकाओं को खत्म करने में सहायक साबित होता है। आयुर्वेद के अनुसार इसके अंदर पाया जाना वाला एंटी ऑक्सीडेंट  शरीर में कैंसर के कारणों  को नष्ट कर देता है। इसके अंदर पाई जाने वाली फाइबर की भरपूर मात्रा हमारे शरीर को संक्रमण से बचाए रखने में मदद करती है।

6. रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ाने में मददगार

आज की आधुनिक चिकित्सा में शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता को इम्युनिटी पावर के नाम से जाना जाता है। एक शोध के अनुसार बहुत सारे लोग जल्दी ही बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं और मौसम के परिवर्तन में तो बहुत जल्दी  बीमार पड़ने लगते हैं, इसकी सबसे बड़ी वजह उनके शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति का कमजोर होना है। आयुर्वेद के अनुसार अमरुद के अंदर बहुत ज्यादा मात्रा में विटामिन C पाया जाता  है, जो हमारे शरीर को अनेक हानिकारक बीमारियों से बचाए रखने के अलावा शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाने में मदद करता  है| इसलिए हमें मौसम के अनुसार पक्के हुए अमरुद का नियमित सेवन करना लाभकारी साबित हो सकता है।

7. मासिक धर्म में होने वाले दर्द को दूर करे

आयुर्वेद के दृष्टिकोण से मासिक चक्र की प्रक्रिया के दौरान महिलाओं को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे अत्यधिक रक्तस्त्राव, बहुत ज्यादा दर्द होना, ऐंठन और पेट में बहुत ज्यादा दर्द होना आदि। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए आपको सुबह खाली पेट अमरुद के पत्तों का आधा गिलास काढ़ा रोजाना सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है।

आयुर्वेद के अनुसार अमरुद के कुछ अन्य महत्वपूर्ण गुण

  • यह थकावट के कारण सिर दर्द, खांसी, सर्दी और शरीर में दर्द जैसी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है|
  • अमरूद के पत्तों का ताजा लेप सूजन और दर्द से राहत के लिए जोड़ों पर लगाया जा सकता है।
  • अमरूद के पौधे की पत्तियों से तैयार काढ़ा बुखार को कम करने में मदद कर सकता है।
  • शरीर की अम्लता को दूर करने में भी अमरुद मदद करता है और किसी भी आंतों की सूजन से राहत देने में भी मदद करता है।
  • अमरूद को विटामिन C के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक माना जाता है। इसलिए यह त्वचा के लिए बहुत अच्छा है और व्यक्ति को प्रकृतिक सौंदर्य प्रदान करता है।

निष्कर्ष:- ऊपर दिए गए निष्कर्ष के अनुसार हमें अमरुद का सेवन करना चाहिए, इसका सेवन करने से हमें अनेक रोगों से मुक्ति मिलती है, तथा यह हमारे शरीर के लिए लाभदायक शाबित होता है|

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Dr. Vikram Chauhan

Dr. Vikram Chauhan (MD - Ayurveda) is a Globally Renowned Ayurveda Physician with Expertise of more than 25 Years. He is the CEO & Founder of http://www.PlanetAyurveda.com, a leading Ayurveda Brand, Manufacturing, and Export Company with a Chain of Clinics and Branches in the US, Europe, Africa, Southeast Asia, India, and other parts of the World. He is also an Ayurveda Author who has written Books on Ayurveda, translated into Many European Languages. One of his Books is "Ayurveda – God’s Manual for Healing". He is on a Mission to Spread Ayurveda All Over the Planet through all the Possible Mediums. With his Vast Experience in Herbs and their Applied Uses, he is successfully treating Numerous Patients suffering from Various Ailments with the help of the Purest Herbal Supplements, Diet, and Lifestyle, according to the Principles of Ayurveda. For More Details, visit. Read More

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