Avascular Necrosis: A Painful Disease (एवैस्कुलर नेकरोसिस (ए.वी.एन) एक पीड़ादायक बीमारी)

एवैस्कुलर नेकरोसिस (ए.वी.एन) बीमारी में  आपके शरीर की हड्डियां कमजोर होने लग जाती हैं और हड्डियों के घिस जाने के कारण यह मृत्यु का कारण बन जाती है   ।अगर आपके शरीर की हड्डियों का चिकनापन जल्दी खत्म हो जाता है तो यह गठिया की बीमारी का बड़ा रूप ले लेता है । एवैस्कुलर नेकरोसिस की परिस्थिति में आपकी हड्डियों के महत्वपूर्ण ऊत्तक खत्म हो जाते हैं जिसकी सबसे बड़ी वजह आपकी हड्डियों के ऊत्तकों तक सही मात्रा में रक्त संचार का न होना है ऐसी स्थिति को ऑस्टियोनेक्रोसिस कहा जाता है ।यह बीमारी आपको किसी भी आयु में प्रभावित कर सकती है परन्तु ज्यादातर यह समस्या ४० से ६५ आयु के लोगों में देखने को मिलती है ऐसा इसलिये होता है क्योंकि  वे लोग अत्यधिक मात्रा में (स्टेरॉइड)दवाइयों का सेवन करते हैं जिसकी वजह से उनके शरीर में रक्तसंचार सही मात्रा में नहीं पता और उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।एवैस्कुलर नेकरोसिस (ए.वी.एन) की बीमारी का अगर उचित समय पर उपचार नहीं किया जाता तो यह बीमारी आपके शरीर की हड्डियों का बहुत जल्दी पतन कर देती है ।
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व्याख्या – इस श्लोक में कहा गया है कि अस्थि के क्षय होने पर बाल, लोम ,नख ,दाढ़ी और दाँत गिरने लग जाते हैं । शरीर में थकावट और जोड़ों  में शिथिलता रहती है ।

 संदर्भ-   चरक संहिता (सूत्रस्थान ) ,श्लोक -६७ ।

आइये जानते हैं एवैस्कुलर नेकरोसिस के कारणों के बारे में

  • जोड़ों में अत्यधिक दर्द या हड्डी के टूट जाने की वजह से ये बीमारी हो सकती है ।
  • शरीर की रक्त कोशिकाओं में रक्त का जम जाना जिस की वजह से रक्त संचार प्रभावित होता है और वह एवैस्कुलर नेकरोसिस की बीमारी का कारण बनता है ।
  • शरीर के अंदर रक्त की मात्रा का कम हो जाना या रक्त के अंदर आवश्यक पोषक तत्वों के खत्म होने की वजह से भी यह बीमारी हो सकती है ।
  • शरीर की हड्डियों के कमजोर होने की वजह से भी यह बीमारी हो सकती है ।कमजोर हड्डियों में रक्त का संचार सही मात्रा में नहीं हो पाता जिसकी वजह से यह हड्डियों की गंभीर बीमारी बन जाती है ।
  • दवाईयों के सेवन से और थैरेपी के द्वारा आप एवैस्कुलर नेकरोसिस की बीमारी को कम कर सकते हैं परन्तु खत्म नहीं कर सकते ।

एवैस्कुलर नेकरोसिस

आयुर्वेदिक तरीके से करें एवैस्कुलर नेकरोसिस (ए.वी.एन) का इलाज

एवैस्कुलर नेकरोसिस (ए.वी.एन) के रोगियों के लिये (प्लेनेट आयुर्वेदा वैद्यशाला) में एमडी आयुर्वेद डॉक्टरों द्वारा जाँच एवं प्रयोग करके प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के द्वारा बिना किसी हानिकारक रसायन , संरक्षक, स्टार्च, योजक, रंग, के इस्तेमाल से १०० % शुद्ध आयुर्वेदिक औषधियाँ तैयार की जाती हैं जो इस प्रकार से आपकी सहायता करती हैं

  • यह औषधियाँ बीमारी में दर्द कम करने में सहायक होती हैं ।
  • इन औषधियों के सेवन के बाद व्यक्ति अपने जोड़ों का सही रूप से इस्तेमाल कर सकता है और वह हर काम में सक्रिय रहता है उसके जोड़ एकदम स्वस्थ रहते हैं ।
  • इन औषधियों के सेवन के बाद आपको ऑप्रेशन कराने की जरूरत नहीं पड़ती ।इन औषधियों का नियमित सेवन आपको सर्जरी से बचने में सहायक होता है ।

एवैस्कुलर नेकरोसिस (ए.वी.एन) के रोगियों के लिये प्लेनेट आयुर्वेदा वैद्यशाला में तैयार की गयी औषधियों के मुख्य लाभ

  • ये औषधियाँ आपके शरीर के अंदर जोड़ों में रक्त संचार को बढ़ाने में सहायक हैं ।
  • हड्डियों को मजबूत बनाने वाले ऑस्टिओ ब्लास्ट्स को सक्रिय करने में सहायक होती है जिससे वो अस्थि धातु बनाने में मददगार होते हैं ।
  • यह औषधियाँ हड्डियों के अंदर कैल्शियम को बनाने में लाभदायक होती है जो अस्थि धातु बनाने में सहायक होता है ।
  • रोगी के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है जिससे उसका शरीर धातु को नष्ट नहीं करता और वह नई धातु बनाता है ।
  • अगर रोगी को शरीर के सबसे महत्वपूर्ण जोड़ों में दर्द हो रहा है तो यह औषधियाँ उसको कम करने में सहायक होती हैं।

आइये जानते हैं प्लेनेट आयुर्वेदा द्वारा एवैस्कुलर नेकरोसिस (ए.वी.एन) बीमारी के लिये हर्बल औषधियों के बारे में

Herbal Supplements

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1. गोटुकोला कैप्सूल्स

  • ‘गोटुकोला’ (सेंटेला एशियाटिक) के शुद्ध अर्क का उपयोग इन कैप्सूल में प्रयोग  किया जाता है, जो शरीर के समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में बहुत लाभदायक होता है। गोटुकोला जड़ी बूटी का व्यापक रूप से आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग किया जाता है क्योंकि इसके अंदर  सिद्ध औषधीय गुण पाए जाते हैं। यह जड़ी बूटी पोषक तत्वों के साथ-साथ विटामिन ए, बी, ई और के से भरपूर होती है। यह पोषक तत्व आपके शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होते हैं ।
  • एवैस्कुलर नेकरोसिस से पीड़ित रोगियों के लिए गोटुकोला कैप्सूल का उपयोग फायदेमंद होता है क्योंकि गोटूकोला (मंडूकपर्णी) शरीर में स्वस्थ रक्त संचार करने में सहायक होता है , मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ाने, स्मृति और एकाग्रता में सुधार करने, पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने , तंत्रिका थकावट को रोकने और शरीर के वात दोष को संतुलित करने में उपयोगी होता है।

खुराक: 1 कैप्सूल, दिन में दो बार पानी के साथ भोजन के बाद सेवन करें।

2. बोन सप्पोर्ट कैप्सूल्स

  • इस  कैप्सूल के हर्बल घटकों का आयुर्वेद में महत्व विस्तार से बताया गया है, विशेष रूप से हड्डियों के स्वास्थ्य के साथ संबंधित विकारों में लाभकारी होते हैं । जिन जड़ी-बूटियों से ये कैप्सूल तैयार किए जाते हैं, उनमें शामिल हैं: शुद्ध लाक्षा (लैसीफ़र लाक्का ), हडजोड़ (सिसस क्वाड्रैंगुलर), अर्जुन (टर्मिनलिया अर्जुन), सुहाना बेज़ (मेवा ओलियफेरा), प्रवाल पिष्टी  (कोरलियम रूब्रम), और मुक्ता (मोती का यौगिक) )।
  • एवैस्कुलर नेकरोसिस  के रोगियों के लिए बोन सप्पोर्ट कैप्सूल की सिफारिश की जाती है क्योंकि कैप्सूल में हड्डियों को मजबूत करने, कैल्शियम चयापचय में सुधार, हड्डियों के ऊतकों और तंत्रिका ऊतकों में विषाक्त पदार्थों को शांत करने, हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने, हड्डियों के घनत्व को बनाए रखने, हड्डियों के जमाव को बनाए रखने, प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद होती है।यह कैप्सूल्स शरीर के ‘पित्त’ और ‘कफ ‘ दोष को संतुलित रखने में सहायक होते हैं।

खुराक: सादे पानी के साथ 2 कैप्सूल, दिन में दो बार भोजन के बाद।

3. बोसवेलिया करक्यूमिन कैप्सूल

  • इन कैप्सूल को तैयार करने के लिए दो शक्तिशाली हर्बल सामग्री प्रयोग की गयी हैं। ये दो सामग्रियां हैं —  शाल्लाकी (बोसवेलिया सेराटा) जो सूजन को प्रबंधित करने की क्षमता रखती है; और करक्यूमिन (क्यूरकुमा  लोंगा ) जो एक उत्कृष्ट एंटीऑक्सीडेंट तत्व  है।
  • एवैस्कुलर नेकरोसिस से पीड़ित रोगी इन कैप्सूल के उपयोग से लाभ उठा सकते हैं क्योंकि ये आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते  हैं, संयुक्त ऊतक में रक्त की आपूर्ति बढ़ा सकते हैं, जोड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं, उपास्थि की जैव रासायनिक संरचना में सुधार कर सकते हैं और एक स्वस्थ हृदय प्रणाली बनाए रखने में सहायक होते हैं।

खुराक: सादे पानी के साथ 2 कैप्सूल, दिन में दो बार भोजन के बाद।

4. अश्वगंधा कैप्सूल

  • ये कैप्सूल अश्वगंधा (विथानिया सोम्निफेरा) के शुद्ध अर्क से तैयार किए जाते हैं, जो व्यापक रूप से अपने लाभकारी गुणों के लिए जाना जाता है। व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य पर इस जड़ी बूटी का बेहद लाभकारी प्रभाव हो सकता है।
  • अश्वगंधा कैप्सूल  एवैस्कुलर नेकरोसिस रोगियों के लिए उपयोगी हैं क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने, शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने, शारीरिक और मानसिक क्षमताओं को बढ़ाने, हृदय स्वास्थ्य बनाए रखने और शरीर में  वात और पित्त दोषों को शांत करने में सहायक होता है।

खुराक: 1 कैप्सूल सादे पानी के साथ, दिन में दो बार भोजन के बाद।

5. गुग्गुल कैप्सूल

  • इन कैप्सूल को बनाने में , ’गुग्गुल’ (कोम्मीफोरा मुकुल) द्वारा तैयार अर्क का इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा इस हर्बल अर्क को लाभकारी रसायन ’माना जाता है क्योंकि यह प्रभावी रूप से युवावस्था और दीर्घायु को बढ़ावा दे सकता है।
  • हड्डियों को मजबूत बनाने, किसी भी तरह के दर्द से राहत प्राप्त करने, उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, तंत्रिका तंत्र का समर्थन करने, शरीर की वसा चयापचय को नियमित करने, धमनियों को साफ करने, मोटापे से संबंधित विकारों का इलाज करने और अपक्षयी  को प्रबंधित करने के लिए गुग्गुल कैप्सूल का उपयोग फायदेमंद है। यह कैप्सूल आपके शरीर की सूजन को कम करने में सहायक होता है ।

खुराक: 1  कैप्सूल, दिन में दो बार खाना खाने के बाद पानी के साथ सेवन करें ।

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Dr. Vikram Chauhan

Dr. Vikram Chauhan (MD - Ayurveda) is a Globally Renowned Ayurveda Physician with Expertise of more than 25 Years. He is the CEO & Founder of http://www.PlanetAyurveda.com, a leading Ayurveda Brand, Manufacturing, and Export Company with a Chain of Clinics and Branches in the US, Europe, Africa, Southeast Asia, India, and other parts of the World. He is also an Ayurveda Author who has written Books on Ayurveda, translated into Many European Languages. One of his Books is "Ayurveda – God’s Manual for Healing". He is on a Mission to Spread Ayurveda All Over the Planet through all the Possible Mediums. With his Vast Experience in Herbs and their Applied Uses, he is successfully treating Numerous Patients suffering from Various Ailments with the help of the Purest Herbal Supplements, Diet, and Lifestyle, according to the Principles of Ayurveda. For More Details, visit. Read More

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