गर्मियों में बेल का नहीं कोई मेल, शरीर के लिए अमृत
गर्मियों के मौसम में बढ़ती धूप के चलते हर गली, हर चौराहे पर बेल जूस रेहड़ी और दुकान पर मिलता है इसका कारण यह है की औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण इसे प्राचीन काल से ही लोग बहुत पसंद करते आ रहे है| सस्ता, सुपाच्य और औषधीय होने के कारण बेल शरीर के लिये अमृत के समान है | गर्मी और लू से बचने के लिए बेल का जूस बहुत फायदेमंद साबित होता है |
नाम
- इंग्लिश नाम- एप्पल वुड, बंगाल क्वीन्स,
- हिंदी नाम- बेल, बेल पत्र, विली श्रीफल
- संस्कृत – बिल्वा, स्रोफाल, पूतीवत, शैलपत्र, लक्ष्मीपुत्र
- गुजराती नाम- बेल,बीलेक्स
- मराठी नाम – बेल
- पंजाबी नाम- बेल
- तेलुगु नाम- बिलवायु, मोरडू
- अरबिक नाम- सफ़रजाला
- उर्दू नाम- बेल
- तमिल नाम- बिलुबन
बेल जूस के फायदे
1. डाइजेस्टिव सिस्टम फिट रखे
- कब्ज, गैस , एसिडिटी , अपच, पेट की हर बीमारी के लिए रामबाण है |
- एक गिलास बेल का जूस पीने से बवासीर तक की समस्या दूर हो जाती है | नसों को आराम मिलता है |
- गर्मियों मे डायरिया और पेचिश की शिकायत बहुत ज़्यादा होती है तो बेल जूस इसको बहुत जल्दी कवर करता है|
- पेट के अलसर और आहारनाल के छाले तक बेल जूस का सेवन करने से ठीक हो जाते है |
- श्वास संबंधी बीमारियों में बेल के सेवन से आराम मिलता है।
कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करे
- जिन्हें मधुमेह की शिकायत है वे लोग भी बेल खा और पी सकते हैं। ध्यान रखें उसमें चीनी न मिलाएं।
- शरीर की अनावश्यक चर्बी को नियंत्रित करता है और शरीर को सही आकार में लाता है|
- कॉलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और हृदय को सुरक्षित रखता है |
- शरीर में सूजन है, या गर्मी ज्यादा लगती है, आंखों में जलन सी लगती है, बेचैनी, थकान जैसी समस्याओं को बेल का जूस दूर करता है|
- विटामिन सी की कमी से होने वाली स्कर्वी रोग में भी बेल से फायदा मिलता है|
- विटामिन ए, सी, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, फॉसफोरस, नियासिन, रिबोफ्लेविन, थियामिन, कार्बोहाइड्रेट इत्यादि की संतुलित मात्रा होती है। जिससे कि इसे हर उम्र और हर मर्ज के लिए इसका सेवन कर सकते हैं। ये वसा रहित होता है। सौ ग्राम में मात्र तीन ग्राम वसा होती है जो कि न के बराबर है|
3. ये बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट है
- आंख-कान की समस्याओं, बुखार, गठिया समेत तमाम बीमारियों में बेल के सेवन से लाभ मिलता है। यहां तक की कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ने के लिए बेल कारगर है|
4. सूतिका काल
- बेल जूस महिलाओ के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है | इसके अलावा बेल जूस मिल्क प्रोडक्शन को बढ़ाता है, जो बच्चों के लिए अच्छा होता है|
5. कैंसर से लेकर सांप के जहर तक से लड़ता है बेल
- प्राचीन ग्रंथों में यहां तक मिलता है कि बेल के पत्तियों के रस से सांप के जहर को भी काटा जा सकता है|
6. त्वचा
- त्वचा से सम्बंधित बीमारियों में भी बेल जूस बहुत फायदा करता है | बेल का जूस हल्का गुनगुना करके इस में कुछ बूँदें पानी की मिलाकर पीने से स्किन मे होने वाली दिक्कतें दूर हो जाती है | और आपके चेहरे में निखार आ जाता है|
7. सिर मे दर्द
- बेल की सूखी हुई जड़ को थोड़े पानी के साथ पीसकर माथे पर गाढ़ा लेप करने से सिर दर्द में लाभ मिलता है |
8. बालो या सिर में जूँए
- बेल के पके हुए फल के आधे कटोरी जैसे छिलके को साफ करके उस में तिल का तेल और कपूर मिलाकर दूसरे भाग से ढककर रखने से तेल को सिर में लागवाने से सिर में जू नहीं रहती |
9. आँखों का मोतियाबिंद
- बेल के पत्ते पर घी लगा कर और सेंक कर आँखों पर बांधने से, पत्तो का रस आँखों में टपकाने से , साथ ही पत्तो को पीसकर मिश्रण बनाकर उसका लेप पलकों पर लगाने से कई रोग ठीक हो जाते है
10. रतौंधी
- दस गर्म ताज़ा बेल के पत्तो को सात कालीमिर्च के साथ पीसकर, सौ मिलीमीटर पानी में छानकर उसमे २५ ग्राम मिश्री मिलाकर सुबह और शाम पिये|
11. बहरापन
- बेल के पत्तो का तेल, सोंठ, कालीमिर्च , पिप्पल, बेल की जड़ का रस और गाय का पेशाब को बराबर मात्रा में लेकर हलकी आग पर गर्म कर ले और छान के रख ले और इसकी २-४ बूँद कान में डालने से कान का दर्द कम होता है |
12. काँटा लगने पर
- बेल के पत्तों की पोटली बांधने से, धसे कांटे को जल्दी ही गला कर बाहर निकाल देता है |
बेल कहा पाया जाता है ?
- प्राचीन यजुर्वेद में बेल का औषधीय गुणों का वर्णन है। बेल को वैदिक काल से लोग अपने कई तरह से इस्तेमाल करते आ रहे है। बेल के पेड़ की पत्तियों को हिन्दू अपने भगवान भोले नाथ को अर्पण करते हैं।
- बेल मुख्यता भारत मे ही पाया जाता है। लेकिन आज दुनिया के कई देशों में बेल की शीतलता लोगों को पसंद आती है। अलग-अलग जगहों पर लोग इसे अलग-अलग नामों से पुकारते हैं। इसे बंगाल क्विंस, गोल्डन एप्पल, जापनीज बिटर ऑरेंज, स्टोन एप्पल, वुड एप्पल आदी नामों से भी लोग जानते हैं। भारत के ज्यादातर इलाकों में इसे बेल पत्थर कहते हैं
गुण
- बेल कफ वात को शांत करने वाला
- रुचिकारक
- दीपन -पाचन करने वाला
- रक्त को गाढ़ा करने वाला
- बलगम को समाप्त करने वाला
- पेशाब में शर्करा कम करने वाला
- अतिसार , रक्त अतिसार
- प्रवाहिका
- मधुमेह
- श्वेत प्रदर
- मासिक धर्म मे खून अधिक आना
- खूनी बवासीर को नष्ट करता है |
धर्म
- बेल का फल -लघु, तीखा , उत्तेजक , पाचन, स्निग्ध, वात कफनाशक, कफ अतिसारक और आंतो को ताकत देता है
अर्धपक्व फ़ल
- यह लघु, कड़वा, गर्म, स्निग्ध, पाचन,हृदया और वातकफनाशक है | बेल का पक्व फल भारी, कड़वा ,तीखा रस युक्त मधुर होता है | यह गर्म दाहकारक, मृदुरेचक, वातानुलोमक, वायु को उत्पन्न करने वाला और हृदय को ताकत देने वाला होता है
पत्र
- बेल पत्र संकोचक, पाचक, वात , पित्त , कफ विकार को नष्ट करने वाला, घाव की सूजन को दूर करने वाला, मधुमेह , पेट मे पानी का भर जाना , कामला, ज्वर, आँखों से तीखा दिखाई देना आदि मे लाभ मिलता है |
जड़ और छाल
- जड़ और छाल -लघु, मीठा, वमन, दर्द , वात पित्त , कफ विकार को शांत करने वाला, बुखार , अग्निमांद्य, अतिसार , पेशाब करने मे कष्ट होना, हृदय कमजोरी होने पर एवं