पीलिया (jaundice): एक जानलेवा बीमारी

आपके शरीर के अंदर हानिकारक बैक्टीरिया के फैल जाने से शरीर अनेक बिमारियों से ग्रसित हो जाता है, उन्ही बिमारियों में से एक बीमारी जॉन्डिस होती है, जिसको आयुर्वेद के अनुसार पीलिया के नाम से जाना जाता है। यह बीमारी सारे शरीर को प्रभावित करती है जिसकी वजह से आपकी त्वचा से लेकर ,आँख , चेहरा,नाखून और पेशाब तक का रंग पीला होने लग जाता है । इस बीमारी में  मरीज को सिर दर्द, बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होना ,मस्तिष्क बुखार ,अत्यधिक थकान आदि इन सभी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है । इस बीमारी के अंदर रोगी का लीवर बहुत ज्यादा कमजोर पड़ जाता है । आपका लीवर ही आपके शरीर का सबसे जरूरी भाग होता है जो आपके द्वारा किये गए भोजन को तरल में बदल कर पाचन तंत्र को मजबूत रखता है |

प्राचीन संदर्भ

ancient reference

व्याख्या –  इस श्लोक में कहा गया है कि कामला के रोगी के नेत्र हरिद्र के वर्ण के समान पीले रंग के हो जाते हैं। उसके शरीर की त्वचा ,नाख़ून और चेहरे का रंग भी हल्दी के समान पीला हो जाता है। उसका मूत्र भी लाल और पीला निकलता है । वह बरसाती मेंढक जैसा पीला देखता है । उसकी कोशिकाएं अपने विषयों को ग्रहण करने में असमर्थ होती हैं । वह रोगी दाह, अपचन, दुर्बलता, शरीर की थकावट और अरुचि से पीड़ित रहता है । यह कामला रोग पित्त दोष की अधिकता से होता है । इसके दो प्रकार हैं :-

  • कोष्ठाश्रया
  • शाखाश्रया

संदर्भ– चरक संहिता (चिकित्सा स्थान ,पाण्डुरोगचिकित्साध्याय ) चैप्टर -१६ ,श्लोक -३५-३६ ।

आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार पीलिया के लक्षण

  • बहुत ज्यादा कमजोरी लगना
  • अक्सर सिरदर्द होना
  • ज्वर का बार बार होना
  • अरुचि
  • भूख कम हो जाना
  • अत्यधिक थकान
  • कब्ज की समस्या
  • आँख,नाखून, त्वचा और पेशाब का रंग पीला होना

jaundice

 

पीलिया के प्रकार

पीलिया के निम्नलिखित ३ प्रकार होते हैं

1. हेमोलिटिक पीलिया

एक अध्यन के अनुसार ये पीलिया अनुवांशिक रूप से होता है । अगर पहली पीढ़ी में किसी को ये बीमारी होगी तो आने वाली पीढ़ी में भी इसके लक्षण देखने को मिलते हैं । इसके अंदर आपकी आँखों और त्वचा का रंग पीला पड़ जाता है । अत्यधिक दवाईयों का सेवन भी पीलिया का कारण बन सकता है ।

2. हेपैटोसेलुलर पीलिया

यह पीलिया आपके लीवर के कमजोर होने से होता है । बच्चों में सबसे ज्यादा हेपैटोसेलुलर पीलिया के लक्षण पाए जाते हैं । बच्चों में ये पीलिया लीवर की कोशिकाओं के कमजोर होने से होता है। युवाओं और बूढ़ों में इसकी सबसे बड़ी वजह गलत खान पान और नशीले पेय पदार्थ हैं जिनकी वजह से वो अपने लीवर को कमजोर कर लेते हैं और हेपैटोसेलुलर पीलिया के शिकार हो जाते हैं।

3. पोस्ट -हिपेटिक

आपके शरीर की पित्त कोशिकाओं के खराब होने की वजह से बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कारण मूत्र में हानिकारक बैक्टीरिया आ जाते हैं जो आपके पेशाब का रंग पीला कर देते हैं । ऐसी स्तिथि पोस्ट-हिपेटिक पीलिया कहलाती है ।

पीलिया से बचाव

पीलिया से बचने के लिए क्या करें ? आइये जानते हैं

1. पानी का करें अत्यधिक सेवन

अगर आप चाहते हैं कि आपका शरीर बिमारियों से मुक्त हो और आप आकर्षित दिखें तो इसके लिए आपको दिन भर में कम से कम ६ से ७ लीटर पानी पीना होगा ताकि वो आपके शरीर से हानिकारक तत्त्वों को बाहर निकाल सके और आपके पाचन तंत्र को ठीक रख सके जिससे आपका खाना अच्छे से हजम हो जाए।पानी की अत्यधिक मात्रा आपके शरीर को चुस्त रखती है और आप हमेशा सक्रिय दिखते हैं | पानी का भरपूर मात्रा में उपयोग पीलिया जैसी जानलेवा बीमारी को रोकने में सहायक होता है और आपके शरीर को स्वस्थ बनाए रखता है । जितना ज्यादा हो सके गुनगुना पानी पिए और गंदे पानी के उपयोग से दूर रहें।

2. त्रिफला करे पीलिया दूर

त्रिफला के गुणों के बारे में तो सभी को पता है, इस औषधि को पेट की समस्याओं के लिए रामबाण माना जाता है। कब्ज की समस्या से ग्रसित व्यक्ति को रात्रि के समय, सोने से १ घण्टा पहले १ चम्मच त्रिफला चूर्ण १ गिलास गुनगुने पानी में डालकर पीना चाहिए। यह प्रयोग कब्ज को दूर करने के साथ साथ आपके पेट में गैस बनने की परेशानी को भी खत्म कर देता है । त्रिफला का उपयोग पेट की बिमारियों के लिए काफी फायदेमंद होता है ।अगर आप इस प्रयोग का २ से ३ हफ्ते तक नियमित सेवन कर लेते हैं तो आपकी पीलिया की बीमारी को भी जल्दी खत्म किया जा सकता है ।

3. पुदीना का उपयोग लाभकारी

पुदीना एक बहुत ही अच्छी और अनेक गुणों से भरपूर हरी जड़ी है। अगर भोजन में पुदीना डाल दिया जाए तो भोजन का स्वाद अलग ही तरह से बढ़ जाता है । पुदीना लू से हमारे शरीर की रक्षा करने में सक्षम होता है । अगर मुँह से बदबू आ रही है तो पुदीना खा लेने से मुँह साफ हो जाता है । गर्मी के दिनों में पुदीने का सेवन दही के साथ करना चाहिए, यह शरीर की सारी गर्मी निकाल कर उसको ठंडा रखता है। अगर आप रोजाना पुदीने का सेवन करते हैं तो यह आपको पीलिया जैसी हानिकारक बीमारी से बचाए रखने के साथ साथ आपके शरीर में यूरिक से संबंधित कोई बीमारी नहीं आने देता । पुदीने का रस आपको पेट की बीमारियों से सुरक्षित रखता है और आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है ।

4. नीम एक गुणकारी औषधि

आज का समाज बहुत सारे बैक्टीरिया से ग्रसित है । यह बैक्टीरिया आपके शरीर के अंदर पीलिया जैसी अनेक हानिकारक बीमारियां उत्पन कर देते हैं । आपके शरीर के अंदर कितने सारे हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं इस बात का शायद आपको अंदाजा भी नही है । इनसे बचने के लिए हमे नीम की छाल के अर्क का सेवन करना चाहिए । ये अर्क हर प्रकार के नुकसानदेह बैक्टीरिया को हमारे शरीर के अंदर से नष्ट कर देता है, और शरीर पीलिया जैसी जानलेवा बीमारी से सुरक्षित रहता है । अगर आप नियमित रूप से सुबह-सुबह खाली पेट नीम की पत्तियों के रस का सेवन करते हैं तो आपको पीलिया में बहुत फायदा मिल है।

5. टमाटर भी है उपयोगी

अगर आपको पीलिया की शिकायत है तो आपको टमाटर का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए । इसके लिए आप सबसे पहले टमाटर का रस निकाल लें, उसमें इच्छानुसार काली मिर्च और सेंधा नमक मिलाएं और सुबह सुबह खाली पेट इस मिश्रण का सेवन करें। यह प्रयोग आपके लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकता है। टमाटर के अंदर अनेक गुण पाए जाते हैं जिनमे से एक एंटीआक्सीडेंट का होता है । यह गुण आपके शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ा देता है ।

6. विटामिन सी का सेवन उत्तम उपाय

अगर आप चाहते हैं कि आपका शरीर पीलिया जैसी पीड़ादायक बीमारी से सुरक्षित रहे तो आपको विटामिन सी का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए । इसके लिए फलों में संतरा ,पपीता और केले का सेवन बहुत लाभकारी साबित हो सकता है क्योकि इनके अंदर विटामिन सी की मात्रा भरपूर होती है । इसके अलावा अगर आप सुबह सुबह नीबू पानी का सेवन करते हैं तो यह पीलिया में आपके लिए बहुत लाभकारी होगा ।

 

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Dr. Vikram Chauhan

Dr. Vikram Chauhan (MD - Ayurveda) is a Globally Renowned Ayurveda Physician with Expertise of more than 25 Years. He is the CEO & Founder of http://www.PlanetAyurveda.com, a leading Ayurveda Brand, Manufacturing, and Export Company with a Chain of Clinics and Branches in the US, Europe, Africa, Southeast Asia, India, and other parts of the World. He is also an Ayurveda Author who has written Books on Ayurveda, translated into Many European Languages. One of his Books is "Ayurveda – God’s Manual for Healing". He is on a Mission to Spread Ayurveda All Over the Planet through all the Possible Mediums. With his Vast Experience in Herbs and their Applied Uses, he is successfully treating Numerous Patients suffering from Various Ailments with the help of the Purest Herbal Supplements, Diet, and Lifestyle, according to the Principles of Ayurveda. For More Details, visit. Read More

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